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पाकिस्तान में हलचल: नवाज़ शरीफ़ से मिले भारतीय कारोबारी सज्जन जिंदल

विपक्षी पार्टियों ने नवाज़ शरीफ़ और सज्जन जिंदल की गोपनीय मुलाकात को लेकर नेशनल असेंबली में सवाल खड़े किये

IANS

पाकिस्तान के विदेश मंत्रालय ने भारतीय स्टील कारोबारी सज्जन जिंदल और देश के प्रधानमंत्री नवाज़ शरीफ़ के बीच हुई मुलाकात पर टिप्पणी करने से इनकार कर दिया है.

सज्जन जिंदल की नवाज़ शरीफ़ और उनकी बेटी मरियम नवाज़ के साथ हुई इस मुलाकात को दोनों देशों के बीच रुकी हुई वार्ता प्रक्रिया को बहाल करने की कोशिश के तौर पर देखा जा रहा है.


ऐसा माना जाता है कि सज्जन जिंदल भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शरीफ़ दोनों के करीबी हैं.

पाकिस्तान के अंग्रेजी अख़बार 'डॉन' के मुताबिक, जिंदल ने बुधवार को रावलपिंडी के मुरी में शरीफ़ और उनकी बेटी से मुलाकात की. इसी दिन पाकिस्तान में मौजूद भारतीय उच्चायुक्त गौतम बंबावाले ने कुलभूषण जाधव को सुनाए गए मृत्युदंड के फैसले के खिलाफ याचिका दायर की थी.

यह याचिका जाधव की मां की ओर से दायर की गई है. कुलभूषण जाधव की मां ने अपने बेटे की रिहाई के लिए सरकार से दखल की गुहार लगाई है.

नवाज़ शरीफ़ से मिलने हेलीकॉप्टर से सीधे मुर पहुंचे

पाकिस्तान की नेशनल असेंबली की विदेश मामलों की समिति में जिंदल के इस दौरे की चर्चा उठी. विदेश सचिव तहमीना जांजुआ इस संबंध में किसी सवाल का जवाब नहीं दे पाईं और समिति के चेयरमैन अवैश लेघारी ने चर्चा पर विराम लगाया.

परोक्ष रूप से मध्यस्थ की तरह देखे जा रहे सज्जन जिंदल, शरीफ़ परिवार से मिलने हेलीकॉप्टर से सीधे मुरी पहुंचे थे.

सज्जन जिंदल

इससे पहले, साल 2014 में नेपाल में हुई दक्षेस देशों की बैठक से पहले जिंदल ने मोदी और शरीफ़ के बीच गोपनीय बैठक का इंतजाम करवाया था. डॉन की रिपोर्ट में कहा गया है कि मोदी और शरीफ़ के बीच हुई इस गोपनीय बैठक के चलते ही दक्षेस देशों की बैठक सफल हो पाई थी और क्षेत्रीय विद्युत ग्रिड बनाने पर सहमति बनी थी.

2015 में नवाज़ शरीफ़ के जन्मदिन 25 दिसंबर को जब नरेंद्र मोदी अचानक प्रोटोकॉल तोड़कर लाहौर पहुंच गए थे, तब भी सज्जन जिंदल वहीं थे.

समिति की बैठक के दौरान पाकिस्तान पीपुल्स पार्टी (पीपीपी) की नफीसा शाह ने पूछा कि जिंदल की यात्रा पर सरकार चुप क्यों है?

बैठक पर नवाज़ शरीफ़ की बेटी ने दी सफाई

पाकिस्तानी प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से जिंदल के साथ हुई बैठक के बारे में कोई आधिकारिक बयान जारी नहीं किया गया. हालांकि मरियम नवाज ने ट्वीट कर जिंदल से मुलाकात की पुष्टि की है. उन्होंने मीडिया में आई खबरों में इस मुलाकात को गोपनीय बताए जाने का खंडन भी किया है.

मरियम ने शुक्रवार को ट्वीट किया, ‘जिंदल, प्रधानमंत्री शरीफ़ के पुराने मित्र हैं. इस बैठक में गोपनीय जैसा कुछ नहीं था और इसे जरूरत से अधिक तूल नहीं दिया जाना चाहिए.’

वहीं, पाकिस्तान तहरीक ए इंसाफ पार्टी की शिरीन मजारी ने आश्चर्य जताया है कि जिंदल मुरी तक कैसे पहुंचे, जबकि उनका वीजा सिर्फ लाहौर और इस्लामाबाद यात्रा की ही इजाजत देता है.

पाकिस्तान के एक अन्य अखबार डेली टाइम्स ने जिंदल की यात्रा पर 'जिंदल के दौरे पर मची हलचल' शीर्षक से अपने संपादकीय में लिखा है, ‘भारतीय कारोबारी जिंदल के इस दौरे ने अटकलों का बाजार गर्म कर दिया है कि क्या वह पाकिस्तान की सरकार के लिए भारत से कोई संदेश लेकर आए थे, या उनके जरिए परोक्ष रूप से कूटनीति की जा रही है.’

संपादकीय में लिखा गया है, ‘यह तो स्वीकार करना होगा कि दोनों देशों के बीच चल रहे तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए यह बैठक उम्मीद से परे थी. यह मांग भी जायज है कि किसी निर्वाचित सरकार को किसी दूसरे देश के साथ किसी भी माध्यम से होने वाले संबंध या करार पर स्पष्टवादी होना चाहिए.’