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भारतीय मूल की अमेरिकी वनिता गुप्ता बनी 'द लीडरशिप कांफ्रेंस' की प्रेसिडेंट

वह इस संगठन का प्रेसिडेंट बनने वाली पहली महिला हैं

FP Staff

भारतीय मूल की अमेरिकी वनिता गुप्ता को ‘द लीडरशिप कांफ्रेंस ऑन सिविल एंड ह्यूमन राइट्स’ का नया प्रेसिडेंट और सीईओ चुना गया है. वह इस संगठन का प्रेसिडेंट बनने वाली पहली महिला हैं.

इससे पहले वो ओबामा प्रशासन के जस्टिस डिपार्टमेंट में ह्यूमन राइट्स डिविजन की भी प्रेसिडेंट रह चुकी हैं.


41 वर्षीय वनिता वेड हेंडरसन की जगह लेंगी. हेंडरसन 2 दशक से भी अधिक समय तक इस संगठन के प्रेसिडेंट रहे हैं.

वनिता इसके सहायक संगठन ‘द लीडरशिप कांफ्रेंस एजुकेशन फंड’ का भी नेतृत्व करेंगी. वे एक जून से यह पद संभालेंगी.

मानवाधिकारों की रक्षा के लिए एकजुटता जरूरी  

इस मौके पर वनिता ने कहा, 'हमारे देश के आदर्श और विकास को बहुत ही बुनियादी बदलावों द्वारा खतरे में डाला जा रहा है. ऐसे में ‘द लीडरशिप कांफ्रेंस’ उन नागरिक और मानवाधिकार संगठनों का एक अहम और मुख्य केंद्र बन गया है जो देशभर में न्याय, निष्पक्षता और समानता के लिए लड़ रहे हैं.’

उन्होंने एक बयान में कहा, ‘नागरिक एवं मानवाधिकार रक्षा का काम कभी आसान नहीं रहा. यह अभूतपूर्व समय एकजुटता के साथ दृष्टिकोण और रणनीति की स्पष्टता की मांग करता है और ‘लीडरशिप कांफ्रेंस’ यह काम करेगा.’

21 साल तक इस संगठन का नेतृत्व करने वाले हेंडरसन ने कहा कि नेताओं की यह जिम्मेदारी होती है कि वे भावी पीढ़ी में नेतृत्व की क्षमता विकसित करें, उन्हें प्रोत्साहित करें और उनके लिए मार्ग प्रशस्त करें.