कुलभूषण जाधव मामले में भारत ने मंगलवार को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में अपना जवाब दाखिल किया है. भारत ने फिर दोहराया है कि वो अपने नागरिक को सुरक्षित वापस लाने में कोई कसर नहीं छोड़ेगा.
भारत ने पिछले साल 13 सितंबर को इस मामले में पहली बार अदालत में अपना जवाब दाखिल किया था. इसके जवाब में पाकिस्तान ने 13 दिसंबर को अर्जी दाखिल की थी.
आईसीजे ने मंगलवार को भारत के दाखिल किए गए जवाब पर पाकिस्तान को पिटीशन फाइल करने के लिए 17 जुलाई तक का समय दिया है.
पूर्व नौसेना अधिकारी कुलभूषण जाधव को पिछले साल पाकिस्तान की सैन्य अदालत ने आतंकवाद और जासूसी के झूठे मुकदमे में दोषी ठहराकर फांसी की सजा सुनाई थी. व्यापार के सिलसिले में ईरान गए जाधव को पाकिस्तान ने मार्च, 2016 में बलूचिस्तान प्रांत से गिरफ्तार करने का दावा किया था.
भारत ने पाकिस्तान के तमाम दावों को खारिज करते हुए कुलभूषण की सजा के खिलाफ 8 मई, 2017 को आईसीजे में अपील की थी. आईसीजे ने मामले में सुनवाई करते हुए जाधव की मौत की सजा पर अंतरिम रोक लगा दी थी. हालांकि इस पर अंतिम फैसला आना अभी बाकी है.
पिछले साल 25 दिसंबर को कुलभूषण जाधव की मां और पत्नी ने पाकिस्तान जाकर उनसे मुलाकात की थी. पाकिस्तान के इजाजत देने के बाद वो दोनों वहां जाधव से मिलने गई थीं. लेकिन पाकिस्तान विदेश मंत्रालय ने शीशे की दीवार वाले कमरे में दोनों की कुलभूषण जाधव से मुलाकात कराई थी.
जाधव से मुलाकात कराने से पहले पाकिस्तानी अधिकारियों ने दोनों महिलाओं को अपना ‘मंगलसूत्र’, ‘बिंदी’, चूड़ियां उतारने पर मजबूर किया था. अधिकारियों ने जाधव की पत्नी चेतना के जूते तक उतरवाकर अपने पास रख लिए थे जिसे उन्होंने बाद में उन्होंने लौटाना जरूरी नहीं समझा.
पाकिस्तान की इस घटिया हरकत के बाद देश भर में गुस्सा फैल गया था.