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भारत बना एससीओ का सदस्य, मोदी बोले आतंकवाद सबसे बड़ी चुनौती

भारत के अलावा पाकिस्तान को भी एससीओ की स्थायी सदस्यता दी गई

FP Staff

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को कज़ाकिस्तान के अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के शिखर सम्मलेन को संबोधित करते हुए आतंकवाद को मानवता का सबसे बड़ा दुश्मन और मानवाधिकारों का सबसे बड़ा उल्लंघन बताया.

आतंकवाद को रोकने को होना होगा एकजुट

प्रधानमंत्री ने कहा कि इस खतरे से निपटने के लिए सभी देशों को मिल कर प्रयास करना होगा. उन्होंने कहा कि यह तब तक खत्म नहीं होगा जब तक कट्टरपंथ का प्रसार, आतंकियों की भर्ती, ट्रेनिंग और फंडिंग को नहीं रोका जाता.

अपने पाकिस्तानी समकक्ष नवाज़ शरीफ़ की मौजूदगी में दिया गया उनका यह बयान पाकिस्तान को अंतराष्ट्रीय मंच पर कठोर संदेश देना माना जा रहा है.

इस सम्मलेन में भारत और पकिस्तान को एससीओ की स्थायी सदस्यता दी गई.

प्रधानमंत्री ने यह भी कहा कि एससीओ के जरिये बिना किसी देश की संप्रभुता को ठेस पहुंचाए आपस में कनेक्टिविटी को बढ़ाया जाना चाहिए.

शरीफ़ ने भारत को दी एससीओ का सदस्य बनने पर बधाई

इसके बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री ने सम्मेलन को संबोधित करते हुए भारत को एससीओ का सदस्य बनने पर मुबारकबाद दी. उन्होंने यह भी कहा कि हम सबको मिल कर भावी पीढ़ी के लिए झगड़े और तनाव की जगह एक शांतिपूर्ण संसार का निर्माण करना चाहिए.

पाकिस्तानी अखबार डॉन के मुताबिक नवाज़ शरीफ़ ने कहा 'हमे एक दूसरे को रोकने और घेरने की बजाय तरक्की के संयुक्त प्रयास करने चाहिए. एससीओ इसके लिए एक बेहतरीन माध्यम है. इसके जरिये आतंकवाद, हथियारों की अंधी दौड़ और गरीबी से निपटने में मदद मिलेगी.'

'ओआरओबी से पाकिस्तान को फायदा'

शरीफ़ ने 'वन बेल्ट वन रोड' (ओआरओबी) की तारीफ भी की और कहा कि इससे पाकिस्तान ही नहीं एससीओ के सभी देशों को फायदा होगा. गौरतलब है कि भारत ओआरओबी पर अपनी शंकाएं जता चुका है.

इससे पहले प्रधानमंत्री मोदी ने चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग से भी मुलाकात कर एससीओ की स्थायी सदस्यता के लिए चीन के समर्थन के लिए धन्यवाद दिया. मोदी ने कज़ाकिस्तान के राष्ट्रपति शवकत मिर्ज़ियोयेव से भी मुलाकात की.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और उनके पाकिस्तानी समकक्ष नवाज शरीफ ने गुरुवार रात अस्ताना में एक स्वागत समारोह में एक-दूसरे का अभिवादन किया था हालांकि उनकी कोई आधिकारिक मुलाकत नहीं हुई.