view all

हिंद महासागर में भारत और इंडोनेशिया बंदरगाह तैयार कर देंगे चीन को जवाब!

पीएम मोदी तीन देशों की पांच दिवसीय यात्रा के तहत सबसे पहले इंडोनेशिया पहुंचे हैं, दोनों देशों के बीच 15 MOUs पर साइन हुए हैं

FP Staff

पीएम मोदी फिलहाल तीन देशों की यात्रा पर हैं. यात्रा के पहले चरण में वो इंडोनेशिया पहुंचे हैं. यहां पर भारत और इंडोनेशिया के बीच कई करार पर हस्ताक्षर भी हुए हैं, साथ ही साथ एक ऐसे योजना पर बात आगे बढ़ी है जो चीन को काउंटर करने के लिहाज से काफी अहम है.

बुधवार को जकार्ता में पीएम मोदी ने इंडोनेशिया के राष्ट्रपति जोको विदोदो से मर्डेका पैलेस में मुलाकात की. इसके बाद दोनों नेताओं से संयुक्त रूप से मीडिया को संबोधित किया. इस दौरान दोनों नेताओं ने इंडोनेशियाई नौसेना बंदरगाह विकसित करने की योजना के बारे में चर्चा की और दोनों देशों के बीच समुद्री सहयोग बढ़ाने को लेकर भी बातें हुईं.


पीएम मोदी और राष्ट्रपति विदोडो ने सबांग बंदरगाह में आर्थिक क्षेत्र और इंफ्रास्ट्रक्चर तैयार करने पर भी चर्चा की. मोदी ने कहा कि हिंद-प्रशांत क्षेत्र के विकास के लिए दोनों देशों के विजन एक जैसे हैं. दोनों नेताओं ने अपने बयानों में स्वतंत्र, खुला, पारदर्शी, शांतिपूर्ण, समृद्ध और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र की वकालत की. इस दौरान दोनों देशों के बीच 15 MoUs पर साइन भी हुए.

पीएम मोदी ने कहा कि India-ASEAN साझेदारी एक ऐसी शक्ति है, जो इंडो-पैसेफिक क्षेत्र में और उससे परे भी शांति और साझा उन्नति के लिए है. हम आसियान में इंडोनेशिया की सकारात्मक भूमिका को महत्व देते हैं. साथ ही व्यापक क्षेत्रीय सहयोग और एकीकरण के लिए इस एसोसिएशन के प्रयास भी एक उदाहरण और प्रेरणा है.

वहीं, जोको विदोडो ने राष्ट्रपति भवन में बैठक के बाद एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा कि भारत एक सामरिक रक्षा भागीदार है . हम सबांग द्वीप और अंडमान द्वीपसमूह समेत बुनियादी ढांचे के विकास में हमारे सहयोग को आगे बढ़ाना जारी रखेंगे.

राजनीतिक विश्लेषकों का कहना है कि यह कदम इस क्षेत्र में चीन के बढ़ते समुद्री प्रभाव पर चिंताओं और दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्रों (ASEAN) के साथ मजबूत संबंधों को विकसित करने की मोदी की एक्ट ईस्ट नीति का हिस्सा है.