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हिलेरी या ट्रंप: कौन? कब? कैसे? समझिए अमेरिकी राष्ट्रपति चुनाव को

अमेरिका में कैसे होता है राष्ट्रप्रमुख का चुनाव? समझिए इस चुनाव से जुड़े सभी पहलू...

Pawas Kumar

अमेरिका में मंगलवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए वोट डाले जाएंगे. दुनिया के सबसे ‘ताकतवर’ नेता को चुनने की प्रक्रिया थोड़ी अलग है. अमेरिका में कैसे होता है राष्ट्रप्रमुख का चुनाव, कब तक सामने आ जाएगा अगले यूएस प्रेंसिडेंट का नाम... आइए इस चुनाव से जुड़े सभी पहलुओं को समझते हैं:


राष्ट्रपति चुनाव में इस बार मुकाबला हिलेरी क्लिंटन और डोनाल्ड ट्रंप के बीच है. हिलेरी क्लिंटन डेमोक्रेटिक पार्टी से हैं और डोनाल्ड ट्रंप रिपब्लिकन पार्टी से. आम तौर पर माना जाता है कि अमेरिकी राष्ट्रपति के चुनाव में दो उम्मीदवार ही खड़े होते हैं लेकिन ऐसा नहीं है. क्लिंटन और ट्रंप के साथ-साथ इस रेस में गैरी जॉनसन (लिबरटेरियन पार्टी) और जिल स्टाइन (ग्रीन पार्टी) भी हैं. कई निर्दलीय प्रत्याशी भी चुनाव में हैं.

उम्मीदवारों का चुनाव

अमेरिका के राष्ट्रपति पद के चुनाव की प्रक्रिया करीब एक साल पहले शुरू हो जाती है. दोनों बड़ी पार्टियां अपना-अपना उम्मीदवार चुनती हैं. इसके लिए दोनों अलग-अलग प्राइमरी चुनाव करते हैं. प्राइमरी के दौरान उसी पार्टी के कई उम्मीदवार एक-दूसरे के खिलाफ खड़े होते हैं. उस पार्टी की समर्थक आम जनता और पार्टी के प्रतिनिधि इनमें से एक कैंडिडेट को चुन लेते हैं. रिपब्लिकन पार्टी की प्राइमरी में डोनाल्ड ट्रंप जीते. उन्होंने टेड क्रूज, मार्को रूबियो, जेब बुश जैसे उम्मीदवारों को हराया. डेमोक्रेटिक पार्टी की ओर से हिलेरी क्लिंटन चुनी गईं. उनके सबसे बड़े प्रतिद्वंद्वी बर्नी सैंडर्स रहे.

राष्ट्रपति चुनाव

जुलाई में दोनों बड़ी पार्टियों के उम्मीदवारों की घोषणा के बाद राष्ट्रपति चुनाव के लिए सीधा मुकाबला शुरू हो जाता है. यह उम्मीदवार खुद अपने रनिंग मेट यानी अपने उपराष्ट्रपति उम्मीदवार का चुनाव करते हैं. यानी अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव दरअसल राष्ट्रपति और उपराष्ट्रपति दोनों का चुनाव है. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने रनिंग मेट के लिए माइक पेंस को चुना है जबकि हिलेरी क्लिंटन के उपराष्ट्रपति उम्मीदवार टिम केन हैं. राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार देश भर में प्रचार करते हैं. भारतीय चुनाव की तरह ही वे कई रैलियां आयोजित करते हैं और उन्हें संबोधित करते हैं. दोनों उम्मीदवार सीधे डिबेट में भी हिस्सा लेते हैं. आमतौर पर राष्ट्रपति उम्मीदवारों के बीच 3 और उपराष्ट्रपति उम्मीदवारों के बीच एक डिबेट होती है.

वोटिंग प्रक्रिया

अमेरिका में भारत की तरह गुप्त मतदान की प्रक्रिया है. हालांकि अमेरिका में वोटिंग के कई तरीके हैं. कुछ राज्यों में लोग तय तारीख से पहले अडवांस में अपना वोट डालते हैं. कुछ राज्यों में तो यह भी प्रावधान है कि आप अपना वोट बदल सकें. मंगलवार 8 नवंबर को आधिकारिक रूप से वोट पड़ेंगे. अमेरिका में 22 करोड़ से अधिक मतदाता हैं. हालांकि यहां चुनाव में वोटिंग का प्रतिशत बहुत अधिक नहीं रहता हैं. 2012 में बस 55 फीसदी मतदाताओं ने वोट डाले थे जबकि 2008 में यह आंकड़ा 57 फीसदी ही था.

कैसे जीतते हैं चुनाव

अमेरिकी राष्ट्रपति का चुनाव भारत के राष्ट्रपति या प्रधानमंत्री के चुनाव से अलग है. भारत में प्रधानमंत्री का चुनाव दरअसल संसद का चुनाव होता है और संसद में बहुमत पाने वाली पार्टी या गठबंधन का नेता पीएम चुना जाता है. भारत के राष्ट्रपति सांसदों और विधायकों के द्वारा चुने जाते हैं. अमेरिका में राष्ट्रपति के चुनाव का संसद से संबंध नहीं होता. राष्ट्रपति चुनाव में सभी राज्यों से सीटें (डेलिगेट्स) जनसंख्या के आधार पर तय होती हैं. जैसे भारत में उत्तर प्रदेश जनसंख्या के आधार पर सबसे बड़ा राज्य है और वहां 80 सीटें हैं. उसी तरह अमेरिका में कैलिफोर्निया सबसे बड़ा प्रदेश है और वहां 55 सीटें या इलेक्टोरल वोट हैं. इस तरह अमेरिका में कुल 538 इलेक्टोरल वोट हैं और 270 इलेक्टोरल वोट जीतने वाला राष्ट्रपति चुना जाता है.

भारत और अमेरिका के चुनावों में सबसे बड़ा बदलाव है कि जहां भारत में अनुपातिक प्रतिनिधित्व (प्रपोर्शनल रिप्रजेंटेशन) है, वहीं अमेरिका में विनर टेक्स ऑल (डब्लयूटीए) की व्यवस्था हैं. इसका मतलब यह हुआ कि अगर किसी उम्मीदवार को किसी राज्य में अधिक वोट मिले तो उसे उस राज्य की सारी सीटें मिल जाती हैं. यानी कैलिफोर्निया में सबसे अधिक वोट पाने वाले उम्मीदवार को 55 सीटें या इलेक्टोरल वोट मिल जाएंगे. अमेरिका के 50 में 48 राज्यों में यही व्यवस्था अपनाई जाती है जबकि मेन और नेबरास्का राज्यों में अलग व्यवस्था है.

चुनाव नतीजे

वोटिंग प्रक्रिया पूरी होने के बाद नतीजे जल्द ही आने लगते हैं. हालांकि पूरे नतीजे आने में समय लगेगा. सामान्य तौर पर भारतीय समय के अनुसार बुधवार सुबह साढ़े 9 बजे के करीब नतीजे सामने आ जाते हैं. हालांकि अगर नतीजे काफी नजदीक रहे तो विजेता की घोषणा होने में देर हो सकती है (जैसा साल 2000 में हुआ था). नतीजे की आधिकारिक घोषणा 6 जनवरी 2017 को की जाएगी. नया राष्ट्रपति 20 जनवरी को पद संभालता है.