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नवरोज पर बसंत के स्वागत में सजा गूगल डूडल

नवरोज की शुरूआत इस्लाम से भी पहले से मानी जाती है.

FP Staff

आज यानी कि 21 मार्च को नवरोज है. नवरोज पारसियों का नया साल है. ये नए साल और बसंत के स्वागत में मनाया जाता है. ये जश्न दो हफ्तों तक चलता है.

मध्य एशिया और सेंट्रल एशिया के बड़े हिस्से में मनाया जाने वाले इस त्योहार की रंगत से गूगल भी नहीं बच पाया है. आज आप गूगल डूडल में ईरानियों के त्योहार नवरोज पर आए बसंत में खिले फूलों को देख सकते हैं.


नवरोज का इतिहास बहुत पुराना है. ये त्योहार इस्लाम से भी 3,500 साल पहले ईरान में स्थापित एकेश्वरवादी धर्म जरथ्रुस्ट पंथ के साथ आया हुआ माना जाता है.

ईरान से शुरू हुए इस त्योहार को अफगानिस्तान, तजाकिस्तान के साथ-साथ भारत में भी मनाया जाता है. मुंबई, गोवा जैसे तटीय इलाकों में रहने वाले पारसियों के लिए ये बड़ा दिन होता है.

इस त्योहार की तैयारियां हफ्तों पहले शुरू कर दी जाती हैं. पूरे घर की साफ-सफाई और सजावट होती है. घर की साफ-सफाई के बाद नवरोज के पहले आने वाले बुधवार को आध्यात्मिकता की शरण में जाकर अपने मन को स्वच्छ बनाते हैं. इस मौके पर लोग आग के सामने नाचते हुए गाते हैं, ‘मुझे अपना लाल रंग दे दो, मुझसे मेरी बीमार रंगत ले लो.’

नवरोज पर पारसी अपनी खाने की टेबल सात रंगों के व्यंजनों से सजाते हैं, ये सभी व्यंजन जीवन के विविध रंगों और खुशियों को दर्शाते हैं.

दो हफ्ते तक चलने वाले इस जश्न में लोग एक-दूसरे के घर जाते हैं, बधाईयां देते हैं. इसके 13वें दिन लोग अपने परिवार के साथ बाहर पिकनिक पर जाते हैं और इस जश्न को विदा देते हैं.