जर्मनी की चांसलर एंजेला मर्केल ने देश के आम चुनाव में जीत हासिल करते हुए अपना चौथा कार्यकाल पक्का कर लिया. वहीं खुले तौर पर दक्षिणपंथी पार्टी एएफडी को भी संसद में प्रवेश मिल गया है.
एक्जिट पोल के अनुसार, मर्केल ने अपने कंजरवेटिव (सीडीयू/सीएसयू) गठजोड़ के साथ करीब 33 प्रतिशत मत हासिल किया. उनके निकटतम प्रतिद्वंद्वी सोशल डेमोक्रेट्स और उसके उम्मीदवार मार्टिन शूल्ज दूसरे नम्बर पर रहे और उन्होंने करीब 21 प्रतिशत वोट हासिल किए. हालांकि, इस्लाम विरोधी दक्षिणपंथी पार्टी ‘अल्टरनेटिव फॉर जर्मनी’ (एएफडी) पार्टी ने करीब 13 प्रतिशत वोट हासिल किए और वह जर्मनी की तीसरी सबसे मजबूत पार्टी के रूप में उभरी.
द्वितीय विश्व युद्ध की समाप्ति के बाद से पहली बार ‘बुंदेसटैग’ में असली नाजियों के प्रवेश से सतर्क नेताओं ने चुनाव प्रचार के आखिरी दिनों में मतदाताओं से अनुरोध किया कि वे दक्षिणपंथी एएफडी को खारिज कर दें. यूरोपीय संसद के पूर्व प्रमुख स्कल्ज ने शुक्रवार को एक रेली में कहा, ‘जर्मनी के लिए यह विकल्प कोई विकल्प नहीं है. वे हमारे राष्ट्र के लिए शर्म का विषय हैं.’
एएफडी प्रदर्शनकारियों द्वारा मर्केल (63) के चुनाव प्रचार में बार बार खलल डालने की घटना देखी गई. मर्केल ने म्यूनिख में प्रचार के आखिरी समय में कहा था कि जर्मनी का भविष्य शोर-शराबे से निश्चित तौर पर नहीं बनेगा. बर्लिन स्थित ग्लोबल पब्लिक पॉलिसी इंस्टीट्यूट के निदेशक थॉस्टर्न बेनर ने कहा कि यदि एएफडी प्रमुख विपक्षी पार्टी बनती है तो वे लोग मुख्य विषयों को चुनौती देंगे. यह संसद में चर्चा के सुर को बहुत ज्यादा बदल देगा.
(इनपुट एजेंसियों से)