फ्रांस में रविवार को राष्ट्रपति चुनाव के लिए अंतिम दौर के 'रन ऑफ' के लिए मतदान हुआ, जिसमें 39 साल के उदार मध्यमार्गी इमैनुएल मैक्रों ने बाजी मार ली है. फ्रांस की जनता ने मैक्रों को अपना राष्ट्रपति चुन लिया है. मैक्रॉन का मुकाबला धुर दक्षिणपंथी मरीन ले पेन (48) से था.
मेट्रोपोलिटन फ्रांस के 4.7 करोड़ मतदाताओं ने स्थानीय समयानुसार सुबह आठ बजे मतदान शुरू किया. देशभर में मतदान के लिए 70,000 मतदान केंद्र स्थापित किए गए हैं. मतदान शाम सात बजे तक जारी रहेगा.
चुनाव विश्लेषकों के अनुसार, करीब एक चौथाई मतदाता मतदान में हिस्सा नहीं लेंगे, जिनमें मध्य दक्षिणपंथी उम्मीदवार फ्रांस्वां फिल्लन और धुर वामपंथी नेता जीन ल्यूक मेलेन्कोन के समर्थक शामिल हैं. फिल्लन और ल्यूक दोनों ही चुनाव के पहले चरण में प्रतिस्पर्धा से बाहर हो गए थे. उनके समर्थक पेन और मैक्रॉन दोनों में से किसी को भी राष्ट्रपति पद के लिए नहीं चुनना चाहते.
राष्ट्रपति चुनाव के लिए मैदान में उतरे 11 उम्मीदवारों में से मैक्रों 24 प्रतिशत वोटों के साथ और ले पेन 21 प्रतिशत वोट हासिल कर शीर्ष पर रहे थे. दूसरे दौर के रन ऑफ चुनाव में शामिल ले पेन और पेन ने मतदाताओं के समक्ष फ्रांस से जुड़े अलग-अलग मुद्दों को उठाया है.
उदार मध्यमार्गी मैक्रों व्यापार समर्थक और यूरोपीय संघ के समर्थक हैं, जबकि ले पेन ने जनता से फ्रांस को यूरोपीय संघ से अलग करने, उसे नाटो से हटाने और रूस के साथ संबंध और मजबूत करने के मुद्दों पर चुनाव लड़ रही हैं.
हैंकिंग का शिकार हुए हैं मैक्रों
सीएनएन की रिपोर्ट के मुताबिक, शुक्रवार को प्रचार अभियान समाप्त होने से कई घंटों पूर्व मैक्रों के प्रचार अभियान दल ने घोषणा की थी मैक्रों व्यापक हैकिंग का शिकार हुए हैं और टेक्स्ट शेयरिंग साइट पेस्टबिन पर उनके करीब 14.5 गीगाबाइट ई मेल्स, निजी और व्यावसायिक दस्तावेज साझा किए गए हैं.
मैक्रों की पार्टी का कहना है कि हैकर्स ने भ्रम पैदा करने और गलत सूचनाएं देने के लिए असली दस्तावेजों के साथ फर्जी दस्तावेज भी साझा किए हैं. फ्रांसीसी चुनाव वॉचडॉग ने चेतावनी दी है कि रविवार शाम तक मतदान समाप्त होने से पूर्व हैक किए गए दसियों हजार ई मेल्स और अन्य दस्तावेज साझा करना अपराध है.