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निक्की हेली और डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका विश्व बैंक अध्यक्ष पद की रेस में: रिपोर्ट्स

किम ने सोमवार को अचानक घोषणा की कि वह अपना कार्यकाल कम कर रहे हैं. जिम जनवरी के आखिर में इस्तीफा दे देंगे

FP Staff

संयुक्त राष्ट्र की पूर्व राजदूत निक्की हेली और अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी और सलाहकार इवांका विश्व बैंक अध्यक्ष के पद के लिए संभावित अमेरिकी उम्मीदवार हैं. द फाइनेंशियल टाइम्स के मुताबिक निक्की और इवांका निवर्तमान विश्व बैंक के अध्यक्ष जिम योंग किम की जगह ले सकते हैं.

वहीं महिला उद्यमिता को बढ़ावा देने के लिए विश्व बैंक से 1 अरब डॉलर का फंड सऊदी अरब को दिलाने के पीछे इवांका की बड़ी भूमिका रह चुकी है. ऐसे में इवांका की इस पद के लिए प्रबल दावेदारी मानी जा रही है. दरअसल, किम ने अचानक घोषणा की कि वह अपना कार्यकाल कम कर रहे हैं. किम जनवरी के आखिर में इस्तीफा दे देंगे.


रिपोर्ट्स के मुताबिक किम जलवायु परिवर्तन पर ट्रंप प्रशासन की नीति से नाराज हैं. साथ ही कहा जा रहा है कि कार्यकाल खत्म होने के तीन साल पहले किम का पद छोड़ना ट्रंप प्रशासन और दूसरे देशों के बीच कटु संघर्ष को हवा दे सकता है. बाकी देशों के जरिए वर्ल्ड बैंक पर अमेरिकी दबदबे की शिकायत समय-समय पर की जाती रही है.

विश्व बैंक की मुख्य कार्यपालक अधिकारी (सीईओ) क्रिस्तालिना जार्जिएवा एक फरवरी को संस्था के अंतरिम अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभालेंगी. सूत्रों ने कहा कि किम ने अचानक यह निर्णय किया है और यह उनका निजी निर्णय है. विश्व बैंक ने कहा है कि वह नए अध्यक्ष के चयन की प्रक्रिया तुरंत शुरू करने जा रहा है. नए अध्यक्ष की नियुक्ति को लेकर अमेरिका और विकास सहायता देने के लिए गठित इस बहुपक्षीय वित्तीय संगठन के अन्य सदस्य देशों के बीच दावपेंच फिर शुरू होने की संभावना है.

दक्षिण कोरिया में जन्मे किम (58) ने चिकित्सा विज्ञान की पढ़ाई की है और विश्व स्वास्थ्य संगठन में सलाहकार रह चुके हैं. उन्हें 2017 में दूसरी बार पांच साल के लिए यह जिम्मेदारी दी गयी थी. उनका यह कार्यकाल 2022 में पूरा होना था. विश्वबैंक का अध्यक्ष हमेशा अमेरिकी नागरिक होता है, जिसे अमेरिका के जरिए मनोनीत किया जाता रहा है. इस फैसले की अन्य सदस्य देशों की ओर से आलोचना होती रही है. 2012 में तत्कालीन राष्ट्रपति बराक ओबामा ने यह परंपरा तोड़ कर किम को अध्यक्ष बनवाया था. अमेरिका इस बहु-पक्षीय वित्तीय संस्थान में सबसे बड़ा हिस्सेदार है.