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टेरर फंडिंग से निपटने के पाकिस्तान की कोशिशों से FATF नाखुश

वित्तीय कार्रवाई कार्यबल ने कहा कि पाकिस्तान अगर ब्लैक लिस्ट में डाले जाने से बचना चाहता है तो अपने कानूनी ढांचे को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए.

Bhasha

वित्तीय कार्रवाई कार्यबल (एफएटीएफ) के एक प्रतिनिधिमंडल ने आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ पाकिस्तान की कोशिशों पर असंतोष जताते हुए कहा कि अगर वह धन शोधन रोधी निगरानी संगठन के जरिए ब्लैक लिस्ट में डाले जाने से बचना चाहता है तो अपने कानूनी ढांचे को मजबूत करने के लिए ठोस कदम उठाए. रिपोर्ट्स के मुताबिक अभी एफएटीएफ की ग्रे लिस्ट में शामिल पाकिस्तान उन देशों की सूची में शामिल होने से बचने के लिए हाथ-पांव मार रहा है जिसमें धन शोधन रोधी और आतंकवादी वित्त पोषण नियमनों का पालन ना करने वाले देशों को डाला जाता है. अगर पाकिस्तान को इस सूची में डाल दिया गया तो पहले से ही खराब चल रही उसकी अर्थव्यवस्था को और झटका लगेगा.

एफएटीएफ के एशिया प्रशांत समूह (एपीजी) के नौ सदस्यीय दल ने पाकिस्तान के जरिए उठाए गए कदमों पर प्रगति की समीक्षा करने के लिए आठ अक्टूबर से 19 अक्टूबर तक पाकिस्तान की यात्रा की. सितंबर 2019 से ग्रे लिस्ट से पाकिस्तान को बाहर करने के लिए 40 अनुशंसाओं वाली रिपोर्ट पर पाक को अमल करना था और जून में उसने इसके लिए सहमति जताई थी. डॉन अखबार की रिपोर्ट के मुताबिक, एपीजी प्रतिनिधिमंडल ने धन शोधन और आतंकवाद के वित्त पोषण के खिलाफ अंतरराष्ट्रीय प्रकियाओं के पालन को लेकर पाकिस्तान की प्रगति पर असंतोष जताया. रिपोर्ट में कहा गया है कि जिन क्षेत्रों में कानूनी ढांचा मजबूत पाया गया वहां एपीजी को उसका कार्यान्वयन काफी कमजोर मिला.


सूत्रों के मुताबिक, अधिकारियों ने साफ शब्दों में कह दिया है कि अगर पाकिस्तान को ग्रे सूची से बाहर निकलना है तो मार्च-अप्रैल में उसके अगले निरीक्षण से पहले उसे अब ठोस प्रगति करनी होगी अन्यथा उसे ब्लैक लिस्ट में डाल दिया जाएगा. एपीजी 19 नवंबर तक पाकिस्तानी अधिकारियों को अपनी रिपोर्ट का मसौदा सौंपेगा.