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2017: नोबेल प्राप्त कैदी से लेकर प्लेबॉय के मालिक तक ने कहा अलविदा

इस साल हमारे बीच से कई ऐसे लोग चले गए जिन्होंने समाज को बदलने वाली चीजें दुनिया को दीं

FP Staff

साल 2017 खत्म होने को है. हर साल की तरह इस साल भी बहुत कुछ नया हुआ. कई बड़ी घटनाए हुईं. कई बदलाव हुए. 2017 को दुनिया भर की बड़ी हस्तियों के हमारे बीच से चले जाने के लिए भी याद किया जाएगा. हिंदुस्तान की बात करें तो हमने ओमपुरी, शशि कपूर और विनोद खन्ना जैसे कलाकारों को खो दिया. इसी तरह दुनिया भर में अलग-अलग कारणों से पहचाने जाने वाले लोग हमारे बीच से चले गए. एक नज़र डालते हैं 2017 में गुज़र गए कुछ अंतर्राष्ट्रीय नामों पर.

ह्यू हेफनर


ह्यू हेफनर

प्ले बॉय मैग्ज़ीन के ससंथापक ह्यू हेफनर का 28 सितंबर 2017 को निधन हो गया. ह्यू 91 साल के थे. 1953 में उन्होंने पुरुषों के लिए मैग्ज़ीन प्लेबॉय शुरू की. इस मैग्ज़ीन में गंभीर लेखों और राजनीति वगैरह पर अच्छे कंटेंट के साथ न्यूड तस्वीरें होती थीं. प्लेबॉय ने न सिर्फ सेक्सुअल रेवोल्यूशन खड़ा किया बल्कि ह्यू को बेहद अमीर भी बना दिया. टाइम मैग्ज़ीन ने हेफनर को प्रॉफेट ऑफ हेडोनिज़म (सुख का मसीहा) कहा था. दुनिया भर में अपनी फ्रेंचाइज़ी, पर्फ्यूम रेंज और क्लब वगैरह से प्लेबॉय ने काफी पैसा कमाया मगर उनपर सेक्सिज़म और अश्लीलता के आरोप भी खूब लगे.

लिउ जियाबो

चीन में राजनीतिक और धार्मिक बदलाव के पक्षधर लिउ जियाबो का इस साल जुलाई में चीन की जेल में निधन हो गया. जियाबो को साल 2010 का नोबेल शांति पुरस्कार मिला था. चीन में बदलाव की बात करने के लिए ही उन्हें 11 साल के लिए जेल में डाल दिया गया था. लिउ ने चीन में लोकतंत्र की बहाली के लिए आंदोलन चलाया, चार्टर-08 प्रसारित करने में मदद की. चीन को लिउ को नोबेल मिलने पर भी आपत्ति थी. चीन ने नार्वे को खत लिखकर उन्हें नोबेल देने से मना किया था. मगर नोबेल कमेटी ने इसपर ध्यान नहीं दिया था.

जेल में लिउ को लिवर सिरोसिस और कैंसर हो गया था. उनके गुर्दों और लीवर ने काम करना बंद कर दिया था. और शरीर में खून के थक्के बन रहे थे. दुनिया भर के देश लिउ के इलाज के लिए उन्हें विदेश भेजने की अपील करते रहे मगर चीन सरकार ने इसे नहीं माना.

15 जुलाई 2017 को बताया गया कि नोबेल शांति पुरस्कार विजेता चीनी नागरिक लिऊ जियाबो का अंतिम संस्कार कर दिया गया और उनकी पत्नी को मुक्त कर दिया गया. उनके मरने के बाद चीन के अखबार ने उनके लिए काफी अशोभनीय बातें लिखीं और कहा कि वो चीन के समाज का हिस्सा नहीं थे.

चेस्टर बेनिंगटन

चेस्टर बेनिंगटन

नम्ब' और 'समवेयर आई बिलॉन्ग' जैसे गानों से पूरी दुनिया को अपना दीवाना बनाने वाले रॉक बैंड 'लिंकिन पार्क' के गायक चेस्टर बेनिंग्टन ने 20 जुलाई 2017 को फांसी लगा कर जान दे दी. महज 41 साल के चेस्टर ने सात सुपरहिट ऐल्बम्स के साथ दुनिया भर में नाम कमाया था.

लिंकिन पार्क बैंड के ही एक अन्य सदस्य क्रिस कॉर्नेल ने मई 2017 में आत्महत्या की थी. चेस्टर क्रिस के बहुत नजदीक थे. अपने दोस्त को खो देने के बाद से चेस्टर टूट गए थे. चेस्टर ने क्रिस कॉर्नेल के 53वें जन्मदिन पर आत्महत्या कर ली. चेस्टर की मौत के बाद उनकी पत्नी के ट्विटर अकाउंट से कई ट्वीट हुए जिन्में चेस्टर की पत्नी ने खुद को उनकी मौत का जिम्मेदार बताया था.

गिलबर्ट बेकर

गिलबर्ट बेकर

LGBT समुदाय की पहचान बन चुके रेनबो (इंद्रधनुष जैसे झंडे) को बनाने वाले गिल्बर्ट बेकर भी इस साल दुनिया से चले गए. LGBT यानी गे, लेस्बियन, बायसेक्शुअल और ट्रांसजेंडर के लिए

6 रंग वाला‘फ्रीडम फ्लैग’(रेनबो वाला झंडा) गिल्बर्ट बेकर ने 70 के दशक में बनाया था. 65 साल के गिल्बर्ट की 31 मार्च 2017 को नींद में मौत हो गई. इस झंडे में पहले 8 रंग होते थे. गुलाबी और फिरोज़ी को हटा देने के बाद इसमें 6 रंग हैं जिनके अलग-अलग मतलब हैं. लालज़िंदगी, नारंगीदेख-भाल, पीलाधूप, हराप्रकृति, नीलाभाईचारा और बैंगनीमानवता.

चक बेरी

चक बेरी

आपको बीटल्स पसंद हों, एल्विस, लिंकिन पार्क, निर्वाणा या फिर आपकी दीवानगी एआर रहमान के रॉक्स्टार, या फरहान अख्तर वाले रॉक ऑन के लिए हो. चक बेरी न होते तो संगीत में ‘रॉक एंड रोल’ नहीं होता. रॉक एंड रोल को म्यूज़िक का अलग जॉनर बनाने की नींव चक बेरी ने रखी. उनके बनाए रिदम पैटर्न, कॉर्ड्स और ब्लूज़ के नए पैटर्न पर ही रॉक म्यूजिक की दुनिया खड़ी हुई है.

18 मार्च 2017 को चक की 90 साल की उम्र में मौत हो गई. चक ने गिटार का जो नया रूप सामने रखा उसकी नकल कर कई बैंड्स दुनिया में लेजेंड का दर्जा पा गए. मगर चक को जीते-जी वो रुत्बा नहीं मिल पाया. हालांकि अखिर के कुछ सालों में चक को संगीत की दुनिया ने उनका जरूरी सम्मान देने की कोशिश की.