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फेसबुक नहीं बनाएगा मुस्लिमों की सूची

फेसबुक और ट्विटर ने ही मुस्लिम रजिस्ट्री बनाने में मदद से इनकार किया है.

FP Staff

न्यूयॉर्क: 15 दिसम्बर को फेसबुक ने कहा कि वह अमेरिका में मौजूद मुस्लिमों की सूची बनाने में अमेरिका के नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रशासन की मदद नहीं करेगा. फेसबुक ने एक बयान में कहा, 'किसी ने भी हमें मुस्लिम रजिस्ट्री बनाने को नहीं कहा और हम ऐसा करेंगे भी नहीं.'

इससे पहले सभी नौ प्रमुख टेक कंपनियों में से केवल ट्विटर ने ही राष्ट्रीय मुस्लिम रजिस्ट्री की मांग किए जाने पर ट्रंप की मदद न करने का ऐलान किया था.


मुस्लिम रजिस्ट्री बनाने में मदद से इनकार

22 एडवोकेसी संगठनों ने इन कंपनियों से इस मामले में अपना रुख साफ करने की अपील की थी. इसके बाद फेसबुक ने अपना बयान जारी किया है.

अब तक फेसबुक और ट्विटर ने ही मुस्लिम रजिस्ट्री बनाने में मदद से इनकार किया है. दोनों कंपनियों ने कहा है कि ऐसी कोई भी सूची असंवैधानिक और क्रूर होगी.

ट्रंप के चुनाव जीतने पर नए अमेरिकी प्रशासन द्वारा इस तरह के डाटाबेस बनाए जाने की आशंका है. ट्रंप ने इस संदर्भ में कई बयान भी दिए हैं. 19 नवंबर को ट्रंप ने याहू न्यूज के एक पत्रकार के सवाल के जबाब में कहा कि वे मस्जिदों पर नजर रखेंगे. साथ ही उन्होंने अमेरिकी मुस्लिमों के डाटाबेस बनाए जाने की संभावना से इंकार नहीं किया.

मुस्लिम डाटाबेस नहीं बनाएंगे

20 नवंबर को एमएसबीएन और एनबीसी के पत्रकारों को दिए गए इंटरव्यू में भी उन्होंने डाटाबेस के साथ-साथ मुस्लिमों पर नजर रखने के लिए अन्य उपायों को भी अपनाने के संकेत दिए थे.

हालांकि 21 नवंबर को एक ट्वीट द्वारा उन्होंने ये कहा कि वे कोई मुस्लिम डाटाबेस नहीं बनाएंगे लेकिन इस्लामी आतंकवाद से निपटने के लिए सीरियन रिफ्यूजियों पर नजर रखेंगे.

विवाद के बढ़ने के बाद ट्रंप ने कहा कि वे रिफ्यूजियों का डाटाबेस बनाएंगे न कि अमेरिकी मुस्लिमों की. लेकिन ट्रंप के बयानों में विरोधाभास इस संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता.