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साल 2019 तक जकरबर्ग को फेसबुक के सीईओ पद से देना पड़ सकता है इस्तीफा

जकरबर्ग को लेकर चल रहे इस विवाद पर अब तक फेसबुक ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है

FP Staff

साल 2019 तक फेसबुक के वर्तमान चीफ एग्जीक्यूटिव मार्क जकरबर्ग को अपना पद छोड़ना पड़ सकता है. कंपनी के कुछ शेयरहोल्डरों ने जकरबर्ग को हटाने की मांग वाले प्रस्ताव का समर्थन करते हुए कहा है कि कुछ हाई प्रोफाइल परिवादों में सही निर्णय नहीं लेने के कारण हम जुकरबर्ग को हटाने वाले प्रस्ताव का समर्थन करते हैं.

प्रस्ताव में कहा गया है कि बोर्ड के अध्यक्ष के स्वतंत्र न रहने और निरीक्षण की कमी के चलते अमेरिकी चुनाव में रूस के हस्तक्षेप और कैंब्रिज एनालिटिका डाटा लीक सरीखे मामले पर फेसबुक ने सही से काम नहीं किया.


हालांकि इस प्रस्ताव पर अगले साल मई 2019 में होने वाली वार्षिक मीटिंग के दौरान वोटिंग होगी. वोटिंग के परिणामों के हिसाब से ही यह तय किया जाएगा कि जुकरबर्ग को हटाया जाए या नहीं.

फेसबुक ने इस प्रस्ताव और इससे जुड़े किसी भी विवाद पर नहीं दी है प्रतिक्रिया

जकरबर्ग को लेकर चल रहे इस विवाद पर अब तक फेसबुक ने कोई प्रतिक्रिया नहीं दी है. न्यूयॉर्क सिटी कन्ट्रोलर स्कॉट स्ट्रिंगर के साथ इलिनॉय, रोड आइलैंड और पेंसिल्वेनिया के स्टेट ट्रेजरर्स ने भी इस प्रस्ताव का समर्थन किया है.

स्ट्रिंगर ने इस मामले पर कहा, फेसबुक हमारे समाज और अर्थव्यवस्था में एक अहम भूमिका अदा करता है. उनकी सामाजिक और आर्थिक जिम्मेदारी है कि वो पारदर्शी बनें. हम यही मांग कर रहे हैं कि कंपनी का बोर्डरीम स्वतंत्र और जिम्मेदार हो.

जकरबर्ग के खिलाफ चल रहे इस प्रस्ताव पत्र के बावजूद अप्रैल में कंपनी की तरफ से जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, जकरबर्ग के पास करीब 60 फीसदी वोटिंग अधिकार हैं. उन्हें हटाने का प्रस्ताव देने वाली कंपनियों में न्यूयॉर्क सिटी पेंशन फंड के पास 31 जुलाई तक 45 लाख शेयर, जबकि पेनिसिल्वेनिया कोषागार के पास 38737 शेयर मौजूद थे.

उधर भारत के राष्ट्रीय प्रतीकों और संवैधानिक पदों के अपमान पर लखनऊ के वकील ओमकार द्विवेदी ने फेसबुक के मालिक मार्क जकरबर्ग समेत फेसबुक और सहयोगी एप्लिकेशन के संचालकों पर परिवाद दर्ज करवाया है. फेसबुक द्वारा अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर भारत के राष्ट्रपति, प्रधानमंत्री इत्यादि संवैधानिक पदों के साथ-साथ भारत के राष्ट्रीय चिन्ह अशोक लाट के सस्ते दुरुपयोग और मनोरंजन के लिए झूठे मजाकिया इस्तेमाल के कारण परिवाद दायर किया गया है.