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यूरोपियन यूनियन ने लगाया हैलोजन बल्ब पर बैन, जानें वजह और क्या पड़ेगा लोगों पर इसका असर

यूरोपीयन यूनियन अगले महीने से हैलोजन बल्ब के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाला है

FP Staff

यूरोपीयन यूनियन अगले महीने से हैलोजन बल्ब के इस्तेमाल पर प्रतिबंध लगाने वाला है. हैलोजन बल्ब की जगह अब एलईडी लाइट्स का इस्तेमाल किया जाएगा. फिलहाल बल्ब बनाने वाली कंपनियां अपना मौजूदा स्टॉक बेच सकती हैं पर एक सितंबर, 2018 से वो रिऑर्डर नहीं कर सकेंगी. कार्बन उत्सर्जन को कम करने और बिजली के कम से कम इस्तेमाल के लिए हैलोजन बल्ब पर प्रतिबंधन लगाने का फैसला किया गया है. इससे पहले यूनियन ने 2009 में गर्मी पैदा करने वाले नाइट बल्ब पर भी बैन लगाया था.

कम खर्च होगी बिजली


हैलोजन बल्ब पर प्रतिबंध लगाने के बाद बिजली की कम खपत होगी. इसकी जगह इस्तेमाल में लाई जाने वाली एलईडी लाइट्स पांच गुना कम बिजली लेगी.

जेब पर कितना पड़ेगा असर

हैलोजन बल्ब के इस्तेमाल पर तुरंत प्रतिबंध लगाने जैसा कोई निर्देश जारी नहीं हुआ है. दरअसल बैन नए स्टॉक को मार्केट में पहुंचने से रोकने के लिए लगाया गया है. हालांकि इस कदम का असर लोगों की जेब पर भी पड़ेगा, क्योंकि हैलोजन लाइट्स एलईडी से काफी सस्ती पड़ती हैं. इनकी कीमत में जमीन आसमान का अंतर है.

कुछ लोग कर रहे हैं विरोध

हैलोजन बल्ब पर प्रतिबंध लगाने के ईयू के फैसले का कछ लोग कड़ा विरोध कर रहे हैं. और इसे जबरन नियम थोपना बता रहे हैं. विरोध करने वाले लोगों का कहना है कि इसका गरीबों पर बुरा असर पड़ेगा. लोगों के पास अपनी पसंद का बल्ब चुनने की आजादी होनी चाहिए. ईयू को लोगों पर इस प्रतिबंध को थोपना नहीं चाहिए.