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भारत में डोनाल्ड ट्रंप के बिजनेस पर अमेरिका में चिंता

डोनाल्ड ट्रंप की चुनावी जीत से उनके बिजनेस को फायदा हुआ है...

Pawas Kumar

जहां नोटबंदी की मार के बीच देश में रियल स्टेट की हालत पतली है, पुणे में बनी एक 23-मंजिला इमारत के भाव बढ़े हुए हैं. इस इमारत के पास कुछ ऐसा है जो किसी और के पास नहीं है- डोनाल्ड ट्रंप का नाम. पुणे में बने ट्रंप टावर्स में फ्लैट करोड़ों में हैं और इनकी कीमत अमेरिका के चुनाव के बाद और बढ़ गई है.

ऐसे में इसमें कोई आश्चर्य नहीं है कि इन टावर्स के डिवेलपर्स ट्रंप की जीत की खुशी मना रहे हैं और उनसे मिलने के लिए अमेरिका भी हो आए हैं.


प्रणव आर भक्ता ने न्यूयॉर्क टाइम्स को बताया, 'हमने अपने दूसरे टावर की कीमतों में काफी इजाफा देखा है. यह प्रेसिडेंट-इलेक्ट ब्रांड का असर है.... जो पहले ट्रंप को नहीं जानते थे, अब जानते हैं.' भक्ता ने 5 साल में ट्रंप की भारतीय रियल स्टेट में एंट्री में कराने मदद की थी.'

भारतीय डिवेलपर्स से मुलाकात के बाद अमेरिका में फिर से सवाल उठने लगे हैं कि ट्रंप राष्ट्रपति बनने के बाद भी अपने व्यापार से जुड़े रहे सकते हैं.

हालांकि डिवेलपर्स में से एक अतुल चोर्डिया ने न्यूयार्क टाइम्स से बातचीत में कहा कि यह महज दो मिनट की मुलाकात थी और इसमें बिजनेस की कोई बात नहीं हुई.

हालांकि न्यूयार्क टाइम्स ने कुछ भारतीय अखबारों का हवाला दिया है जहां इसे एक बिजनेस मीटिंग के रूप में पेश किया गया था. इन रिपोर्ट्स में कहा गया है कि ट्रंप से मिलने वाले अतुल चोर्डिया, सागर चोर्डिया और कल्पेश मेहता उनके साथ अन्य प्रोजेक्ट की तैयारी भी कर रहे हैं.

ऐसे में यह सवाल उठना लाजिमी है कि ट्रंप अपनी नई स्थिति का फायदा अपने व्यापार को बढ़ाने के लिए कर सकते हैं. साथ ही यह चिंताएं भी उठाई जा रही हैं कि इससे ट्रंप की विदेश नीति पर भी फर्क पड़ेगा. वैसे इन मुद्दों को लेकर ट्रंप का रवैया भी अजीब है. उन्होंने न्यूयार्क टाइम्स के पत्रकारों के साथ बातचीत करते हुए इसे लेकर सवालों का अद्भुत जवाब दिया. उन्होंने कहा, 'कानून मेरे साथ है. राष्ट्रपति हितों के टकराव के अंदर नहीं आता.' ट्रंप का यह जवाब रिचर्ड निक्सन के डेविड फ्रॉस्ट को दिए उस जवाब भी याद दिलाता है जहां उन्होंने कहा था कि राष्ट्रपति तकनीकी रूप से कानून का उल्लंघन ही नहीं कर सकता है. निक्सन ने कहा था, 'जब राष्ट्रपति कुछ करता है तो इसका मतलब कि वह गैर-कानूनी नहीं है.'

ट्रंप ने माना कि उनकी चुनावी जीत से उनके बिजनेस को फायदा हुआ है. उन्होंने माना कि अब अमेरिका में उनकी प्रॉपर्टीज की कीमत अधिक हो गई है और उनका ब्रांड भी बड़ा हो गया है.

हालांकि ट्रंप का कहना है कि वह अब अपने बिजनेस में बहुत अधिक रुचि नहीं रखेंगे. उन्होंने कहा कि अब इसकी जिम्मेदारी अपने बच्चों को सौंप देंगे.

वैसे ट्रंप के साथ यह घर और बाहर की लाइन काफी धुंधली है. जापान के प्रधानमंत्री शिंजो आबे के साथ ट्रंप की मुलाकात के दौरान बेटी इवांका ट्रंप की मौजूदगी यह साबित करती है.