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एक हफ्ते के भीतर अमेरिका छोड़े 60 रूसी राजदूत: डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप का यह आदेश यूनाइटेड स्टेट्स और यूरोपियन यूनियन दोनों की तरफ से मॉस्को के लिए सजा के तौर पर देखा जा सकता है.

FP Staff

अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने रूस के खिलाफ बड़ा फैसला लिया हैं  सोमवार को ट्रंप ने 60 रूसी राजदूतों को अमेरिका छोड़ने के आदेश दिए हैं. इसी के साथ ट्रंप ने सिएटल स्थित रूसी दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया है. ट्रंप ने यह फैसला जासूस सर्गेई स्क्रिपल पर केमिकल हमले के मामले के बाद  लिया है.


ब्रिटेन में पूर्व जासूस पर हमले के मामले में ट्रंप का यह आदेश यूनाइटेड स्टेट्स और यूरोपियन यूनियन दोनों की तरफ से मॉस्को के लिए सजा के तौर पर देखा जा सकता है.

यूरोपियन यूनियन के 14 राज्यों ने भी संयुक्त रूप से सेलिसबरी शहर के पूर्व जासूस पर हमले के विरोध में रशियन राजदूतों को निष्कासित करने का फैसला किया है.

व्हाइट हाउस की प्रेस सचिव सारा सेंडर्स ने कहा, ‘राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने अमेरिका से रूस के लगभग दर्जनभर खुफिया अधिकारियों को निष्कासित करने का आदेश दिया. इसके अलावा सिएटल में रूसी वाणिज्य दूतावास को बंद करने का भी आदेश दिया, क्योंकि यह हमारे पनडुब्बी और बोइंग के अड्डों के करीब है.’

सेंडर्स ने कहा,‘आज की कार्रवाई, जिसमें अमेरिकियों पर जासूसी करने और अमेरिका की राष्ट्रीय सुरक्षा को खतरे में डालने वाले गुप्त अभियान चलाने की रूस की क्षमता को घटाया गया है, इसके चलते अमेरिका और सुरक्षित हुआ है. यह कदम उठाकर अमेरिका और हमारे सहयोगियों और साझेदारों ने रूस को यह स्पष्ट कर दिया है कि उसकी गतिविधियों के दुष्परिणाम होंगे.’

मोस्को ने आरोपों से किया इनकार

व्हाइट हाउस ने कहा कि यह ब्रिटेन में पूर्व जासूस सरगई स्क्रिपल पर नर्व एजेंट के हमले के खिलाफ की गई कार्रवाई है. इस हमले के लिए ब्रिटेन रूस को जिम्मेदार ठहराता है. 66 साल के स्क्रिपल और 33 साल की उनकी बेटी यूलिया  हमले के बाद से ब्रिटेन के एक अस्पताल में भर्ती हैं, उनकी हालत गंभीर बनी हुई है. हालांकि, मास्को ने इन आरोपों से इनकार किया है.

सीनियर अधिकारियों के मुताबिक, ये सभी 60 राजदूत डिप्लोमैटिक कवर के तहत यूएस में काम कर रहे जासूस थे. इनमें से दर्जनों यूनाइटेड नेशंस में रशियन मिशन पर भी थे. अधिकारियों ने बताया कि इन राजदूतों के पास यूएस छोड़ने के लिए सात दिन का समय होगा.

एक सप्ताह पहले ही ट्रंप ने पुतिन को फोन उनके दोबारा चुने जाने की बधाई दी थी, लेकिन जासूस पर हमले के मुद्दे को नहीं उठाया था.

रूस के पड़ोसी देश भी कर सकते हैं सख्त कार्रवाई

यूएस सरकार के इस फैसले के बाद रूस के पड़ोसी देशों समेत दर्जनों देश अपने यहां से रूसी राजदूतों की संख्या कम करने या मॉस्को के विरोध में दूसरे एक्शन ले सकते है.

बताया जा रहा है कि संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंतोनियो गुतारेस रूस के 60 राजदूतों को हटाने के अमेरिकी सरकार के फैसले पर करीबी नजर रख रहे हैं और जरूरत पड़ने पर वह संबंधित देशों की सरकारों से बातचीत करेंगे

(एजेंसियों से इनपुट)