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दुनियाभर में आधी से ज्यादा महिलाओं की हत्या उनके पार्टनर या परिवार के सदस्य करते हैं: UN Report

रिपोर्ट के मुताबिक महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक जगह उनका घर है क्योंकि उनके साथ हिंसा करने वालों में सबसे ज्यादा उनके परिवार का ही हाथ होता है

FP Staff

महिलाओं के साथ लंबे समय से होती आ रही घरेलू हिंसा से तो हर कोई वाकिफ है. लोकिन यह जानकर हैरानी होती है कि आज के दौर में भी हालात सुधरने के नाम नहीं ले रहे हैं. संयुक्त राष्ट्र ने घरेलू हिंसा पर एक रिपोर्ट जारी की है. इस रिपोर्ट के तथ्य चौंकाने वाले हैं. दरअसल इस रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल यानी 2017 में जितनी भी महिलाओं की मौत हुई हैं उनमें आधे से ज्यादा मामलों में दोषी या तों महिला के पार्टनर होते हैं या फिर उनके परिवार के सदस्य.

यूएन ने ये रिपोर्ट रविवार को जारी की. इसके मुताबिक महिलाओं के लिए सबसे ज्यादा खतरनाक जगह उनका घर है क्योंकि उनके साथ हिंसा करने वालों में सबसे ज्यादा उनके परिवार का ही हाथ होता है.


सबसे ज्यादा कहां देखे जाते हैं ऐसे मामले?

सीएनएन के मुताबिक रिपोर्ट में बताया गया है कि ऐसे मामलों में एशिया पहले नंबर पर है. रिपोर्ट के मुताबिक पिछले साल एशिया से ऐसे 20 हजार मामले सामने आए हैं जिसमें महिलाओं की हत्या के पीछे उनके पार्टनर या फिर उनके परिवार का हाथ होता है. इसके बाद दूसरे नंबर पर अफ्रीका है जहां से ऐसे 19 हजार मामले सामने आए हैं. इसके बाद अमेरिका, 8 हजार मामलों के साथ तीसरे नंबर पर है.

रिपोर्ट में ये भी बताया गया है कि 2017 में दुनियाभर में ऐसे 50 हजार मामले सामने आए हैं. इसका मतलब हर रोज दुनिया भर में 137 महिलाओं की मौत उनके पार्टनर या उनके परिवार की वजह से होती है.

क्या हो सकती है वजह?

ऐसे मामलों में वजह हजारों हो सकती हैं. लेकिन सबसे अहम वजह होती है महिलाओं की चुप्पी. ऐसे मामले ज्यादातर वहीं होते हैं जहां महिलाएं अपने साथ हो रहे अत्याचार के खिलाफ आवाज नहीं उठाती और चुपचाप सब कुछ सहती रहती है. इससे और कुछ नहीं बल्कि अत्याचार करने वाले की हिम्मत बढ़ती और वो फिर हत्या जैसा गंभीर अपराध करने से भी पीछे नहीं हटते.  अभी हाल ही में भारत में भी एक स्टडी सामने आई थी जो वडोदरा के एक एनजीओ ने 'इक्वल मीजर्स 2030' के साथ मिलकर की थी. इस रिपोर्ट के मुताबिक भारत में करीब एक-तिहाई शादीशुदा महिलाएं पतियों के हाथों हिंसा की शिकार होती हैं. हैरानी की बात है कि कई महिलाओं को पति के हाथों मार खाने से कोई गुरेज भी नहीं है. मतलब ये कि आधी से ज्यादा हिंसाएं इसलिए होती हैं क्योंकि महिलाएं चुप रहती हैं.

ये बहुत दुर्भाग्य की बात है कि जिस देश में एक तरफ महिलाएं हर क्षेत्र में दिन पर दिन तरक्की कर रही है वहीं दूसरी तरफ घर की चार दिवरी के अंदर ही अंदर घुट भी रही हैं.

कैसे निपटें इस समस्या से?

यूएन रिपोर्ट के मुताबिक इस समस्या से निपटने के लिए तुरंत ही कुछ ठोस कदम उठाने होंगे. इसके लिए पुलिस, आपराधिक न्याय प्रणाली, स्वास्थय और सामाजिक सेवा के क्षेत्र में काम कर रहे लोगों को एक साथ आकर काम करना होगा. रिपोर्ट में सुझाव दिया गया है कि इस काम में ज्यादा से ज्यादा पुरुषों को शामिल करना होगा ताकि वे इस समस्या को और गंभीर तरीके से समझ सकें. इसके अलावा लोगों को जागरूक करने के लिए तरह तरह के कैंपेन भी चलाएं जा सकते हैं और महिलाओं को आवाज उठाने के लिए प्रेरित किया जा सकता है.