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आखिर क्यों पीएम मोदी के भाषण का मुरीद हुआ चीन

चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावोस में मंगलवार को दिए गए भाषण का स्वागत किया है. मोदी ने अपने संबोधन में संरक्षणवाद को ‘आतंकवाद की तरह ही खतरनाक’ बताया था

Bhasha

चीन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के दावोस में मंगलवार को दिए गए भाषण का स्वागत किया है. मोदी ने अपने संबोधन में संरक्षणवाद को ‘आतंकवाद की तरह ही खतरनाक’ बताया था. इसके साथ ही चीन ने वैश्वीकरण की प्रक्रिया को मजबूत करने के लिए भारत के साथ सहयोग बढ़ाने पर जोर दिया है.

मोदी ने अपने संबोधन में दुनिया के समक्ष आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन की चुनौतियों पर चिंता जताई थी. मोदी दो दशक में दावोस में वर्ल्ड इकॉनॉमिक फॉरम को संबोधित करने वाले पहले भारतीय प्रधानमंत्री हैं. उन्होंने कहा, ‘कई देश सिर्फ अपने आप पर निर्भर हो रहे हैं ऐसे में वैश्वीकरण सिकुड़ रहा है. इस तरह का रुख आतंकवाद और जलवायु परिवर्तन से कम खतरनाक नहीं है.'


चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुवा चुनयिंग ने यहां मीडिया से बातचीत में कहा, ‘मैंने देखा कि प्रधानमंत्री मोदी ने संरक्षणवाद के खिलाफ बोले जिससे पता चलता है कि वैश्वीकरण समय का रुख है और यह सभी देशों के हितों को पूरा करता है. संरक्षणवाद के खिलाफ लड़ने व वैश्वीकरण का समर्थन करने की जरूरत है.’ उन्होंने कहा कि चीन वैश्वीकरण की प्रकिया को और मजबूत करने के लिए भारत और अन्य देशों के साथ काम करना चाहता है.

चीन के इस हैरान करने वाले बयान से पहले आधिकारिक मीडिया ने भी वर्ल्ड इकॉनॉमिक फॉरम में मोदी के संबोधन की सराहना की थी. ग्लोबल टाइम्स ने मोदी के संबोधन की तस्वीर पहले पन्ने पर प्रकाशित की है.