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भारत-चीन संबंधों पर PM मोदी के बयान का चीन ने किया स्वागत

चीनी विदेश मंत्रालय ने मोदी के बयान का स्वागत करते हुए कहा, हमने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की सकारात्मक टिप्पणी देखी है. हम इस तरह के सकारात्मक बयान की सराहना करते है

FP Staff

चीन ने सिंगापुर में दिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बयान का स्वागत किया है. पीएम ने एक बयान में कहा था कि भारत और चीन सूझबूझ दिखाते हुए अपने पुराने मसलों को हल कर रहे हैं ताकि सरहद पर अमन-चैन कायम रहे.

चीन ने पीएम के बयान को 'सकारात्मक' बताते हुए इसकी काफी सराहना की है. सिंगापुर में शांगरी-ला बैठक को संबोधित करते हुए पीएम मोदी ने कहा, भारत और चीन अगर आपसी भरोसा और विश्वास बहाल कर सकें तो दुनिया के सामने एक उज्ज्वल भविष्य होगा.


इंडियन एक्सप्रेस ने चीन के विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनइंग का बयान प्रकाशित किया और लिखा कि पीएम मोदी के हाल में वुहान दौरे के दौरान भारत और चीन कई मुद्दों पर सहमत हुए हैं.

टाइम्स ऑफ इंडिया ने चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता का बयान लिखा कि 'चीन भारतीय पक्षों के साथ मिलकर काम करना चाहता है ताकि दोपक्षीय संबंधों में और तेजी लाई जा सके, दोनों देशों के बीच साझेदारी बढ़ाई जा सके, मतभेदों को सुलझाया जा सके और सरहद पर शांति कायम की जा सके.'

पिछले शुक्रवार को पीएम मोदी और सिंगापुर के प्रधानमंत्री ली हेन लूंग ने एक संयुक्त वक्तव्य जारी किया. इसमें दोनों देशों के व्यापक संबंधों पर विस्तार से प्रकाश डाला गया. संयुक्त वक्तव्य में पीएम लूंग ने कहा कि भारत और सिंगापुर के बीच रक्षा संबंध लगातार मजबूत हो रहे हैं. इसी के साथ पीएम मोदी ने दोनों देशों के संबंधों में आई मजबूती के लिए सिंगापुर का आभार जताया.

क्या कहा चीन ने?

सिंगापुर में प्रधानमंत्री मोदी ने कहा था कि भारत और चीन दोनों ने मुद्दों से निपटने में परिपक्वता और विवेक दिखाया है और सीमा पर शांति के लिए दुनिया के दो अधिक आबादी वाले देशों के बीच सहयोग बढ़ रहा है.

चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग ने मीडिया ब्रीफिंग में मोदी के बयान का स्वागत करते हुए कहा, ‘हमने चीन-भारत संबंधों पर प्रधानमंत्री मोदी की सकारात्मक टिप्पणी देखी है. हम इस तरह के सकारात्मक बयान की सराहना करते है.’

उन्होंने कहा,‘चीन दोपक्षीय संबंधों के विकास की सकारात्मक गति को बनाए रखने, पारस्परिक सहयोग को बढ़ावा देने, मतभेदों को दूर करने, सीमाई इलाकों में शांति बनाए रखने और इस तरह से ही चीन-भारत संबंधों को आगे बढ़ाने के लिए आम सहमति के साथ भारत के साथ काम करने को इच्छुक है.’

(इनपुट भाषा से)