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चीन ने एनएसजी मुद्दे पर भारत का फिर किया विरोध

गैर एनपीटी देशों के एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन एक बहुस्तरीय सवाल है

Bhasha

चीन ने कहा है कि स्पेशल एनएसजी में भारत के प्रवेश के मुद्दे पर वह रूस के संपर्क में है. हालांकि, उसने यह साफ कर दिया कि इस मामले में उसकी स्थिति में ‘कोई बदलाव नहीं’ है.

मंगलवार को चीनी विदेश मंत्रालय की प्रवक्ता हुआ चुनयिंग का बयान विदेश मंत्री सुषमा स्वराज के उस बयान के एक दिन बाद आया है जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत मास्को के साथ बातचीत कर रहा है. साथ ही इस बात का प्रयास किया जा रहा है कि इस मुद्दे पर बीजिंग को राजी किया जा सके.


हुआ ने मीडिया को बताया, ‘चीन और रूस समेत दूसरे सदस्य करीबी संपर्क रखते हैं हम भी यह मानते हैं कि हमें एनएसजी के सिद्धांतों के मुताबिक कार्रवाई करनी चाहिए.’

स्वराज की टिप्पणी पर प्रतिक्रिया मांगे जाने पर हुआ ने कहा कि गैर एनपीटी देशों के एनएसजी की सदस्यता के लिए आवेदन एक बहुस्तरीय सवाल है और इसे एनएसजी के सदस्यों के बीच आम सहमति के आधार पर निपटाया जाना चाहिए.

चीन सकारात्मक चर्चा का इच्छुक है

हुआ ने कहा, ‘हमने इस मुद्दे पर कई बार अपनी स्थिति स्पष्ट की है. हमारी स्थिति अब भी बदली नहीं है.’ उन्होंने चीन के दो चरणों वाले रख पर भी जोर दिया- सभी गैर-एनपीटी देशों पर लागू होने वाले गैर भेदभाव वाले प्रस्ताव पर पहुंचना और तब गैर-एनपीटी देशों के आवेदनों पर चर्चा.

उन्होंने कहा कि इस महीने बर्न में होने वाले एनएसजी के पूर्ण सम्मेलन में चीन ‘सकारात्मक चर्चा’ का इच्छुक है.

स्वराज ने सोमवार को कहा था कि भारत हमेशा से चीन के साथ बातचीत करता है और ‘हम एनएसजी के लिए भी ऐसा कर रहे हैं’ और सिर्फ हमारे द्वारा ही नहीं बल्कि हमसे तथा चीन से दोस्ताना रिश्ते रखने वाले राष्ट्रों द्वारा भी ऐसा किया जा रहा है जो यह महसूस करते हैं कि भारत को एनएसजी सदस्यता मिलनी चाहिए.’