view all

प्रणब मुखर्जी की दलाई लामा से मुलाकात पर चीन नाराज

दलाई लामा कैलाश सत्‍यार्थी के चिल्‍ड्रंस फाउंडेशन के कार्यक्रम में शामिल होने राष्‍ट्रपति भवन गए थे.

IANS

राष्‍ट्रपति प्रणब मुखर्जी के तिब्‍बत के आध्‍यात्मिक नेता दलाई लामा से मुलाकात को लेकर चीन ने कड़ा एतराज जताया है.

चीन का कहना है कि भारत को उसके मूल हितों का सम्‍मान करना चाहिए ताकि द्विपक्षीय संबंधों में कोई बाधा ना आए. चीन के विदेश मंत्रालय के प्रवक्‍ता जेंग शुआंग ने बताया, 'हाल ही में चीन के औपचारिक प्रतिनिधित्‍व और कड़े विरोध के बावजूद भारत 14वें दलाई लामा के राष्‍ट्रपति भवन में जाने पर अड़ा रहा, जहां पर लामा ने एक कार्यक्रम में भाग लिया और राष्‍ट्रपति से मुलाकात की.'


चीन का यह बयान मुखर्जी के राष्‍ट्रपति भवन में बच्‍चों के कार्यक्रम के दौरान दलाई लामा से मिलने के संबंध में आया है. दलाई लामा नोबेल पुरस्‍कार विजेता कैलाश सत्‍यार्थी के चिल्‍ड्रंस फाउंडेशन के कार्यक्रम में शामिल होने राष्‍ट्रपति भवन गए थे.

पहले भी चीन कर चुका है विरोध 

उन्‍होंने आगे कहा, 'चीन कड़ाई से इससे असंतुष्‍ट हैं और मजबूती से विरोध करता है. दलाई लामा राजनीतिक वनवास में हैं और लंबे समय से चीन विरोधी गतिविधियों में शामिल रहे हैं. वे धर्म के नाम पर तिब्‍बत को चीन से अलग करने का प्रयास कर रहे हैं. चीन उनके साथ अन्‍य देशों के अधिकारियों के संपर्क का कड़ाई से विरोध करता है.'

इस बारे में जेंग ने कहा, 'हम भारतीय पक्ष से कहना चाहते हैं कि दलाई लामा के चीन विरोधी अलगाववादी रवैये को देखें, चीन के मूल हितों व बड़ी चिंताओं का सम्‍मान करें, भारत-चीन के बीच संबंधों पर नकारात्‍मक असर डालने वाली चीजों को दूर करने के लिए उचित कदम उठाए.'

गौरतलब है कि चीन नियमित रूप से दलाई लामा से मिलने वाले वैश्विक नेताओं का विरोध करता है. हाल के महीनों में दूसरी बार ऐसा हुआ है जब चीन ने भारत में दलाई लामा की गतिविधियों पर आपत्ति की है. चीन ने इससे पहले अक्‍टूबर में दलाई लामा को अरुणाचल प्रदेश जाने की अनुमति देने पर एतराज जताया था.

चीन के तिब्‍बत पर कब्‍जे के बाद से दलाई लामा वहां से निर्वासित हैं. भारत में वे धर्मशाला में रहते हैं. चीन अरुणाचल प्रदेश को अपना हिस्‍सा बताता है. इस वजह से वह वहां के यात्रियों को भी स्‍टेपल वीजा देता है. भारत इस संबंध में कई बार विरोध जता चुका है.