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शिकागो सन टाइम्स के कॉलमिस्ट ने कहा बच्चों को न दें भारतीय नाम, ट्विटर पर लोगों ने उड़ाया मजाक

'आपका नाम ये क्यों है?', 'आपको यह नाम याद कैसे होता है?', 'आप माइक या जो जैसे सामान्य नाम क्यों नहीं रख सकते?' ऐसे सवालों से पश्चिमी देशों में कई भारतीयों को अक्सर रूबरू होना पड़ता है

FP Staff

अनोखा नाम होने की वजह से अक्सर किसी न किसी ने आपके नाम का मतलब जरूर पूछा होगा. एक भारतीय होने के नाते हमें विविधताओं से भरी संस्कृति और अनेक भाषाएं विरासत में मिली हैं. इसलिए यह बात हमारे लिए आम है. लेकिन विविधताओं से भरे हमारे नाम पश्चिमी देशों के लिए परेशानी का सबब बन जाते हैं.

यह कहना है अमेरिका के शिकागो सन टाइम्स के मशहूर कॉलम डियर एब्बी के कॉलमिस्ट का. मालूम हो कि डियर एब्बी अमेरिका का एक सलाह देने वाला कॉलम हैं जिसकी 1956 में स्थापना की गई थी. फिल्हाल यह कॉलम अमेरिका के लगभग 1,400 समाचार पत्रों में सिंडिकेट फीड देता है. शिकागो सन टाइम्स के कॉलम डियर एब्बी के मुताबिक कॉलमिस्ट इस कश्मकश में हैं कि अपने बच्चों का नाम भारतीय नामों पर रखें या नहीं.


दरअसल पश्चिमी देशों में यह एक जटिल समस्या है. भाषा में अंतर के कारण, कई पश्चिमी लोगों को भारतीय नामों का उच्चारण करने में मुश्किल होती है. इसके कारण कई भारतीय नाम वालों को अक्सर जातिवादी प्रश्नों, टिप्पणियों और चुटकुलों का शिकार होना पड़ता है.

'आपका नाम ये क्यों है?', 'आपको यह नाम याद कैसे होता है?', 'आप माइक या जो जैसे सामान्य नाम क्यों नहीं रख सकते?' ऐसे सवालों से पश्चिमी देशों में कई भारतीयों को अक्सर रूबरू होना पड़ता है.

कॉलम के लेखक ने जो सवाल किए हैं वह इस तरह हैं,

डीयर एब्बी, मेरी पत्नी और मैंने एक परिवार शुरू करने का फैसला किया है, और ऐसे में बच्चों का नाम रखने का विषय उठ गया. मेरी पत्नी, जो भारत में पैदा हुई हैं और हमारे बच्चों के लिए भारतीय नामों पर ही जोर दे रही हैं.

समस्या यह है कि अक्सर भारतीय नामों का उच्चारण करना मुश्किल होता है. मैं भारतीय नामों का विरोध नहीं कर रहा हूं, लेकिन पारंपरिक "पश्चिमी" नाम अधिक उपयुक्त हो सकते हैं. क्योंकि हम अमेरिका में रहेंगे. मैं अपनी पत्नी को कैसे समझा सकता हूं कि 'असामान्य 'नाम होने से बच्चों के जीवन के कुछ पहलू कठिन हो जाते हैं.

विश्व खो देगा कई अनोखे नाम

हालांकि शिकागो सन टाइम्स के इस कॉलम का कई भारतीयों ने ट्विटर पर जम कर मखौल उड़ाया. लोगों का कहना है कि अगर हम कई अटपटे शब्दों का उच्चारण करना सीख सकते हैं तो पश्चिमी लोगों को भी हमारे नामों का सही उच्चारण करना सीखना होगा.

कृतार्थ झा नाम के एक यूजर ने लिखा, अगर हम भारतीय बच्चों को भारतीय नाम नहीं देंगे तो पश्चिमी देश कभी भी उनका उच्चारण करना नहीं सीख पाएंगे. ऐसे में विश्व कई आनोखे शब्दों को खो देगा. वहीं अनिरुद्ध नाम के ट्विटर हैंडल से लिखा गया, मेरे नाम का अंग्रेजी में अर्थ होता है Invincible, सोचिए किसी गोरे आदमी का नाम आप Invincible) रख सकते हो.