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अमेरिका में हिंसक रैली के बाद घबराए भारतीय निवासी

वर्जीनिया विश्वविद्यालय में असोसिएट डीन ने कहा कि यह हिंसा यहां के लोगों के विचार या चरित्र का प्रतिनिधित्व नहीं करती है

Bhasha

श्वेतों को सर्वोच्च मानने वाले लोगों की रैली के हिंसक हो जाने के बाद से चार्लोट विले के निवासियों में बैचेनी और घबराहट फैली हुई है. यहां के अधिकतर निवासी भारतीय अमेरिकी हैं.

श्वेतों के प्रभुत्व को मानने वाले लोगों की रैली को विरोधियों का सामना करना पड़ा था. इसके चलते भड़की हिंसा में 32 साल की एक महिला की मौत हो गई थी.


वैसे कल दोपहर से शहर में हालात सामान्य होने लगे थे, लेकिन यहां के निवासी अब भी सदमे और खौफ में हैं. श्वेतों को सर्वोच्च मानने वालों की रैली के खिलाफ शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रही भीड़ पर कार चढ़ा दी गई थी, जिसके बाद पूरे दिन हिंसा होती रही.

अमेरिकी राज्य वर्जीनिया के इस शहर में भारतीय और भारतीय-अमेरिकियों की खासी आबादी है. लेकिन शनिवार को हुई हिंसा में समुदाय के किसी भी व्यक्ति के घायल होने की कोई खबर नहीं है.

प्रदर्शन पर नजर रख रहे दो पुलिस अधिकारियों की तब मौत हो गई जब प्रदर्शन स्थल के नजदीक एक हैलिकाप्टर दुर्घटनाग्रस्त हो गया. इसमें 19 अन्य लोग घायल हो गए.

वर्जीनिया विश्वविद्यालय में असोसिएट डीन फॉर फैकल्टी एंड रिसर्च, मास्टर कार्ड, शंकरन वेंकटरमन ने कहा , 'ऐसा कुछ हुआ है, इसे समझना और इस वास्तविकता का सामना करना हमारे लिए अब भी काफी मुश्किल है. यह शहर इस तरह का नहीं है.’ वेंकटरमन यहां बीते बीस साल से रह रहे हैं.

उनकी बेटी की दोस्त श्वेतों को सर्वोच्च मानने वालों की रैली के खिलाफ प्रदर्शन में शामिल होने गई थी और जब वह लौटी तो उसका पैर टूटा हुआ था.

उन्होंने कहा, ‘यह हिंसा यहां के लोगों के विचार या चरित्र का प्रतिनिधित्व नहीं करती है. हम प्रगतिशील लोग हैं जो विविधता और समावेश में विश्वास रखते हैं.’