पाकिस्तान के संस्थापक माने जाने वाले मोहम्मद अली जिन्ना की उम्र 42 साल थी जब उनकी शादी हुई. उनकी पत्नी रॉटी पेटिट सिर्फ 18 साल की थीं.
जिन्ना अकेले रहना पसंद करते थे और पेचीदे शख्स माने जाते थे. लेकिन पेटिट खुले विचारों वाली थी. इनकी जोड़ी ऐसी नहीं थी जिसे ‘जन्नत में बनी जोड़ी’ कहा जा सके.
साल 1918 में हुई जिन्ना और पेटिट की शादी पूरे बंबई के लिए चर्चा का विषय थी. इसी पर वरिष्ठ पत्रकार शीला रेड्डी ने एक किताब लिखी है. इस किताब का नाम है, 'मिस्टर एंड मिसेज जिन्ना दि मैरेज दैट शूक इंडिया.'
शीला रेड्डी के मुताबिक, महात्मा गांधी जैसे समकालीन शख्सियतों के बारे में बहुत कुछ लिखा गया, लेकिन कायदे-आजम की निजी जिंदगी कमोबेश पर्दे में ही रही.
क्यों दिलचस्प है जिन्ना की जिंदगी
अपनी किताब के विमोचन पर रेड्डी ने कहा, ‘गांधी और जिन्ना उप-महाद्वीप के इतिहास की सबसे बड़ी शख्सियत थे. गांधी की जिंदगी का ऐसा कोई पहलू नहीं है जिस पर इतिहासकारों और जीवनीकारों का ध्यान नहीं गया हो, लेकिन जिन्ना के बारे में ऐसा नहीं कहा जा सकता.’
जिन्ना की निजी जिंदगी और शादीशुदा जिंदगी की जानकारी की कमी की वजह से रेड्डी यह किताब लिखने के लिए प्रेरित हुईं.
पेटिट और सरोजिनी की ओर से लिखे गए कई पत्रों के आधार पर रेड्डी ने यह किताब लिखी. ये पत्र उन्हें दिल्ली, मुंबई और कराची में रीर्सच के दौरान मिले थे.