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पाकिस्तान: यहां बसंत पर मांझे से पतंग उड़ाने पर आतंकवाद की धारा लगती है

पाकिस्तानी प्रशासन इस त्योहार को लोगों के लिए जानलेवा बताता है यही कारण है कि कई सालों से इस त्योहार पर बैन लगा हुआ है.

FP Staff

क्या आपने कभी सुना है कि मांझे से पतंग उड़ाने से सजा हो सकती है? शायद ही आपने सुना हो पर ये सच है. ऐसा और कहीं नहीं बल्कि हमारे पड़ोसी देश पाकिस्तान में ही होता है. दरअसल भारत में धूमधाम से मनाया जाने वाला त्योहार बसंत पंचमी, पाकिस्तान में भी मनाया जाता है. पाकिस्तान में इसे बसंत के नाम से जाना जाता है. ये पंजाबियों का मुख्य त्योहार होता है. इस दिन लोग पाकिस्तान में रंग-बिरंगी की पतंगे उड़ाकर इस त्योहार को मनाते हैं. चलिए आपको बताते हैं इस त्योहार से जुडे़ ऐसे ही कई रोचक तथ्य जिनमें से कई बेहद हैरान करने वाले भी हैं.


  • बसंत पंचमी की तरह पाकिस्तान में मनाया जाने वाला बसंत भी माघ महीने के पांचवे दिन ही पड़ता है. इस दिन लोग अपने घरों को सजाते हैं, लोगो को मिठाइयां और गिफ्ट देते है और नाच गाने के साथ तरह-तरह की पतंगे उड़ाते हैं.
  • बसंत पर्व के लिए तैयार होते दुकानदार. (फोटो : रॉयटर्स)

    2. हालांकि पाकिस्तान की कई जगहों पर मांझे से पतंग उड़ाना मना है. इसके पीछे वजह इससे होने वाली आतंकी गतिविधियां बताई जाती है.

    लाहौर में आयोजित होने वाले बसंत मेले में एक बड़ी पतंग का डिसप्ले (फोटो : रॉयटर्स)

    3. पाकिस्तानी प्रशासन इस त्योहार को लोगों के लिए जानलेवा बताता है यही कारण है कि कई सालों से इस त्योहार पर बैन लगा हुआ है.

    लाहौर में डिसप्ले पर लगी 18 by 22 की 5000 रुपए की पतंग
    (फोटो : रॉयटर्स)

    4. दरअसल प्रशासन के मुताबिक लोग पतंग उड़ाने के लिए जिन तारों का इस्तेमाल करते हैं उनमें कई बार लोग ऐसी चीजे मिला देते हैं जो लोगों के लिए  जानलेवा बन जाती है. इसी वजह से अब पाकिस्तान में किसी को भी तारों से पतंग उड़ाता देख पुलिस उसे गिरफ्तार कर लेती है.

    5. पाकिस्तान की कई जगहों पर इस त्योहार का कड़ा विरोध भी किया जाता है. कई लोगों इस त्योहार को गैर-इस्लामिक मानते है. 2004 में नवा-ई-वक्त नाम के पाकिस्तानी अखबार ने इस त्योहार को मुहम्मद की बेइज्जती बताते हुए इसका कड़ा विरोध किया था.

    बसंत उत्सव के पहले मांझे को पतंग लायक बनाता युवक (फोटो : रॉयटर्स)

    6. ये त्योहार ज्यादातर अमृतसर, कसूर और लहौर जैसी जगहों पर मनाया जाता है. इसके इलावा लहौर में इस अवसर पर एक मेले का भी आयोजन होता है जो काफी प्रसिद्ध है.