view all

बांग्लादेश: 1971 के युद्ध से जुड़े अपराधों के लिए 2 लोगों को फांसी की सजा

दोषियों में एक लियाकल अली अवामी लीग की पूर्वोत्तर किशोरगंज में लखई उप जिले का प्रमुख था

Bhasha

बांग्लादेश के एक विशेष अधिकरण ने 1971 के मुक्ति संग्राम के दौरान मानवता के खिलाफ अपराधों, युद्ध अपराधों और पाकिस्तानी सैनिकों की मदद करने को लेकर सत्तारूढ़ अवामी लीग के एक पूर्व नेता समेत 2 लोगों को सोमवार को

फांसी की सजा सुनाई.


बांग्लादेश के अंतरराष्ट्रीय अपराध अधिकरण के 3 न्यायाधीशों की पीठ के प्रमुख मोहम्मद शाहीनुर इस्लाम ने दोनों लोगों को दोषी ठहराने के बाद उन्हें फांसी की सजा सुनाई. दोनों दोषियों की उम्र 60 साल के आसपास है. वे फरार हैं.

अभियोजन के वकीलों ने इन दोनों पर आरोप लगाया था कि उन्होंने पाकिस्तानी सेना का समर्थन करते हुए अपने इलाकों के आसपास लगभग 100 लोगों की हत्या कर दी, जिनमें अधिकतर हिन्दू अल्पसंख्यक थे.

यह मुकदमा उनकी गैर मौजूदगी में चला. दोषियों में एक लियाकल अली अवामी लीग की पूर्वोत्तर किशोरगंज में लखई उप जिले का प्रमुख था.

गौरतलब है कि मुक्ति संग्राम के दौरान अपराधों के लिए 53 लोगों को फांसी की सजा सुनाई गई है, जिनमें से अधिकतर कट्टरपंथी जमात-ए-इस्लामी के नेता हैं जिन्होंने बांग्लादेश की आजादी का विरोध किया था. दोषियों में कुछ लोग मुख्य

विपक्षी पार्टी बीएनपी के भी सदस्य हैं.