बांग्लादेश में सड़क सुरक्षा की मांग को लेकर देशभर के छात्र सड़कों पर उतर गए हैं. कई जगह हिंसक प्रदर्शन हुए हैं जिसमें कई लोग जख्मी हुए हैं. आंदोलन की गंभीरता को देखते हुए इंटरनेट सेवा बंद कर दी गई है.
हाल में एक बस हादसे में दो लड़कियों की मौत होने के बाद सड़क सुरक्षा की मांग तेज हो गई है. जगह-जगह टूटी सड़कें और बदतर ट्रैफिक व्यवस्था के खिलाफ पिछले हफ्ते से छात्र आंदोलन कर रहे हैं. शनिवार को आंदोलन हिंसक हो गया और ढाका के जिगताला में 100 से ज्यादा छात्र जख्मी हो गए.
चश्मदीदों का कहना है कि आंदोलन पर काबू पाने के लिए पुलिस ने रबर की गोलियां चलाईं और आंसू गैस के गोले छोड़े. बांग्लादेश के मशहूर अखबार प्रथम आलो के मुताबिक, शनिवार को हिंसा भड़कने के बाद 3जी और 4जी सेवाएं ठप कर दी गई हैं.
इंटरनेट सेवा ठप होने के विरोध में लोगों ने सोशल मीडिया पर पोस्ट कर अपनी नाराजगी जाहिर की है. लोगों का कहना है कि सरकार ने जानबूझ कर इंटरनेट सेवा बंद की है ताकि छात्र इसके माध्यम से आंदोलन और न भड़का सकें.
पुलिस का कहना है कि छात्रों पर न तो रबर बुलेट और न ही आंसू गैस के गोले छोड़े गए, जबकि अस्पताल कर्मियों का कहना है कि जो छात्र इलाज के लिए आए हैं, उनमें कुछ गंभीर रूप से घायल हैं जिन्हें रबर बुलेट के जख्म हैं.
बांग्लादेश का परिवहन विभाग काफी भ्रष्ट, अनियमित और खतरनाक माना जाता है. हाल के सड़क हादसों ने छात्र आंदोलन को भड़काने में आग में घी का काम किया और लोग सरकार की सुस्ती के खिलाफ सड़कों पर उतर गए.
देश के कई मंत्रियों ने छात्रों से स्कूल-कॉलेजों में लौटने का आग्रह किया है क्योंकि उन्हें डर है कि छात्र आंदोलन कहीं सरकार विरोधी आंदोलन में न बदल जाए. इसका गंभीर असर इसलिए हो सकता है क्योंकि इस साल के अंत में देश में आम चुनाव भी है.