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महारानी की मर्जी के बिना ऑस्ट्रेलिया कैसे बने गणतंत्र?

मैल्कम टर्नबुल ने कहा कि एलीजाबेथ द्वितीय के बाद हो सकता है ऐसा

IANS

सिडनी: आस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री मैल्कम टर्नबुल ने कहा कि आस्ट्रेलिया गणतंत्र बन सकता है. लेकिन महारानी एलिजाबेथ द्वितीय का शासन समाप्त हो जाने के बाद ही ऐसा हो सकता है. आस्ट्रेलियाई रिपब्लिकन मूवमेंट (एआरएम) की 25वीं वर्षगांठ के मौके पर टर्नबुल ने कहा कि महारानी अभी शासन कर रही हैं, ऐसे में गणतंत्र बनने के लिए आस्ट्रेलियाई लोगों का समर्थन मिलने की संभावना नहीं है.

समाचार एजेंसी सिन्हुआ के मुताबिक उन्होंने यह भी कहा कि वह निकट भविष्य में इसकी संभावना से इनकार नहीं करते.


टर्नबुल ने वर्ष 1993 से 1999 तक रिपब्लिकन आंदोलन का नेतृत्व किया था.

टर्नबुल ने शनिवार की रात कहा, 'मुझे ऐसा नहीं लगता कि महारानी एलिजाबेथ द्वितीय के शासनकाल में एक और जनमत संग्रह का समर्थन होगा.'

उन्होंने कहा, 'हमें एक परामर्श के लिए जनमत संग्रह कराने की जरूरत होगी जो गणतंत्र के दो नमूनों में एक को चुनने का विकल्प दे. पहला है प्रत्यक्ष चुनाव और दूसरा संसदीय नियुक्ति.'

टर्नबुल की यह टिप्पणी एआरएम के मौजूदा प्रमुख पीटर फिट्जसिमंस के इस बयान के बाद आई जिसमें उन्होंने कहा कि पहली बार संसद में बहुमत आस्ट्रेलियाई गणतंत्र के पक्ष में है.

शनिवार की रात इस मुद्दे पर टर्नबुल के सतर्क रुख के बाद फिट्जसिमंस ने स्वीकार किया कि इस समूह के समक्ष चुनौतियां हैं.

फिट्जसिमंस ने कहा, 'वह प्रधानमंत्री हैं. उनका इस क्षेत्र में अनुभव है और वह कह रहे हैं कि कोई गलती न करें, आपको अभी लंबी दूरी तय करनी है.'