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वाजपेयी की मौत पर क्या कह रहा है विदेशी मीडिया, जानिए सबकुछ

पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार शाम को 94 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था, विदेशी मीडिया में यह खबर प्रमुखता से छाई हुई है

FP Staff

देश के पूर्व प्रधानमंत्री और भारत रत्न अटल बिहारी वाजपेयी का गुरुवार को निधन हो गया. वो 94 साल के थे. वाजपेयी ने दिल्ली स्थित एम्स में आखिरी सांस ली. वाजपेयी की मौत की खबर आते ही पूरा देश शोक मग्न हो गया. वाजपेयी की मौत की खबर देश की मीडिया में ही नहीं बल्कि विदेशी मीडिया में भी छाई हुई है. विदेशी मीडिया ने भारत के इस महान नेता की मौत पर जो कहा है, वह हम आपको बता रहे हैं...

बीबीसी


ब्रिटेन की इस इस मीडिया संस्था ने वाजपेयी की मौत पर लिखा है कि वो एक तेज तर्रार और बेबाक नेता थे. बीबीसी ने उनके बचपन के दिनों को याद करते हुए लिखा है कि वे एक शिक्षक के पुत्र थे. इस लेक में बीबीसी ने इस बात का जिक्र भी किया है कि वाजपेयी भारत के प्रथम प्रधानमंत्री पंडित नेहरू के खिलाफ मजबूती से खड़े रहे. लेख में लिखा गया है कि वाजपेयी ने एक बार संसद में नेहरू से कहा था कि उनकी 'उलटी सोच' हो गई है कि क्योंकि वो योग करते हुए काफी समय तक शीर्षाशन करते हैं. बीबीसी ने लिखा है कि जब वाजपेयी सत्ता में आए तो उन्होंने एक मजबूत दीवार खड़ी कर ली थी जिससे कि कट्टर लोगों को दूर रखा जा सके.

द गार्डियन

ब्रिटिश अखबर द गार्डियन ने वाजपेयी को 'विरोधाभाषी राजनीति' और 'हिंदू राष्ट्रवादी आंदोलन के नरम नेता' के रूप में बताया है. इस लेख में लिखा गया है कि कैसे उन्होंने पोकरण में परमाणु परीक्षण कर पाकिस्तान के मन में युद्ध का खौफ पैदा कर दिया था. इसके कुछ ही साल बाद उन्होंने शांति की पहल भी की थी.

द न्यू यॉर्क टाइम्स (एनवाईटी)

एनवाईटी ने वाजपेयी की याद में लिखा है कि उन्होंने परमाणु परीक्षण कर दुनिया को चौंका दिया था. लेकिन उसी समय उन्होंने पाकिस्तान से रिश्ते सुधारने की कोशिश भी की और अमेरिका से साथ भी रिश्ते मजबूत किए. अमेरिका के इस अखबार ने अपने लेख में वाजपेयी को दुनिया के सबसे अधिक आबादी वाले लोकतंत्र का पितामह भी बताया है. इस लेख में लिखा गया है कि वो 'हिंदू राष्ट्र' में सभी धर्म मानने वाले लोगों के लिए बराबरी के अधिकार के पक्षधर थे.

द वॉशिंगटन पोस्ट

इस अमेरिकी अखबार की हेडलाइन कहती है, 'अटल बिहारी वाजपेयी, वो प्रधानमंत्री जिसने भारत को परमाणु संपन्न बनाया, 93 साल की उम्र में निधन. (Atal Bihari Vajpayee, prime minister who made India a nuclear power, dies at 93)'. इस लेख में वाजपेयी की करिश्माई व्यक्तित्व के बारे में जिक्र किया गया है और कहा गया है कि इसके माध्यम से उन्होंने बीजेपी को सिर्फ सत्ता तक ही नहीं लाए बल्कि कई दलों के साथ मिलकर गठबंधन की सरकार भी चलाई.

डॉन न्यूज

पाकिस्तान के डॉन न्यूज ने वाजपेयी को भारत के उस प्रधानमंत्री के रूप में याद किया है, जिसने पाकिस्तान के साथ शांति बहाली की प्रक्रिया शुरू की थी. लेख में कहा गया है कि पोकरण में परमाणु परीक्षण के बाद भी उन्होंने यह कार्य किया. इस परीक्षण के बाद परमाणु युद्ध का डर बैठ गया था. इस आर्टिकल में कहा गया है कि वाजपेयी भारतीय राजनीतिक के एक दुर्लभ व्यक्ति थे और उनपर कभी भ्रष्ट्राचार का कोई आरोप नहीं लगा.