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दक्षिण कोरिया को परमाणु हमले से बचाना चाहता है अमेरिका!

अमेरिका ने चीन से अपील की है कि वो उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए और कदम उठाए

FP Staff

उत्तर कोरिया की परमाणु महत्वकांक्षाएं बढ़ती ही जा रही हैं. इसको लेकर बढ़ती चिंताओं के बीच अमेरिकी सेना ने दक्षिण कोरिया में खास तैनाती स्थल पर एक मिसाइल रक्षा प्रणाली पहुंचानी शुरू कर दी है. इसको लेकर चीन ने नाराजगी जताई है.

अमेरिका ने प्योंगयांग के एकमात्र बड़े सहयोगी चीन से अपील की है कि वो उत्तर कोरिया पर लगाम लगाने के लिए और कदम उठाए. लेकिन, चीन ने टर्मिनल हाई ऐल्ट्यूड एरिया डिफेंस (थाड) प्रणाली की तैनाती की योजना पर नाराजगी जताई है.


क्या है मकसद?

अमेरिका और उसके सहयोगी दक्षिण कोरिया का कहना है कि इस तैनाती का मकसद परमाणु सशस्त्र उत्तर कोरिया से पैदा होने वाले मिसाइल खतरों से खुद को सुरक्षित करना है. दोनों ने इस तैनाती पर पिछले साल सहमति जताई थी.

चीन को डर है कि 'थाड' की तैनाती से उसकी अपनी बैलिस्टिक क्षमताएं कमजोर होंगी. उसका कहना है कि इससे क्षेत्रीय सुरक्षा संतुलन बिगड़ेगा. चीन ने कई कदम उठाए हैं जिन्हें दक्षिण कोरिया के खिलाफ आर्थिक बदले के तौर पर देखा जाता है. इनमें टूर समूहों पर प्रतिबंध भी शामिल है.

क्या होने वाला है?

एक टीवी फुटेज में बुधवार सुबह सोंगजु के गोल्फ कोर्स में बड़े वाहन प्रवेश करते देखे गए. माना जा रहा है कि इन वाहनों में मिसाइल संबंधी उपकरण थे. इस तैनाती की वजह से होने वाले पर्यावरणीय प्रभाव को लेकर चिंतित हजारों निवासियों ने विरोध प्रदर्शन किया है. उनमें से कुछ की पुलिस के साथ झड़प भी हुई है.

सियोल के रक्षा मंत्रालय ने कहा कि इस कदम का मकसद जल्द से जल्द थाड की संचालन की क्षमता को सुनिश्चित करना है. इसका लक्ष्य इस साल के अंत तक बैटरियों को पूरी तरह तैनात करना है. थाड प्रणाली का मकसद लघु और मध्यम दूरी की बैलिस्टिक मिसाइलों को प्रक्षेपण के अंतिम चरण में रोकना और नष्ट करना है.