अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान के साथ हुए ऐतिहासिक परमाणु समझौते से मंगलवार अमेरिका के अलग होने की घोषणा की.ओबामा शासनकाल के दौरान हुए इस ऐतिहासिक परमाणु समझौते की आलोचना ट्रम्प पहले भी कई बार आलोचना कर चुके थे.
ट्रम्प ने कहा कि हम इस परमाणु समझौते से ईरान के परमाणु बमों को नहीं रोक सकते . यह समझौता मूल रूप से ही दोषपूर्ण है. इसलिए अमेरिका इस दोषपूर्ण समझौते से अपने आप को अलग कर रहा है. इस बयान के कुछ समय बाद ही ट्रम्प ने ईरान पर लगने वाले नए प्रतिबंधों वाले दस्तावेजों पर हस्ताक्षर किए. और सभी देशों को ईरान के विवादित परमाणु हथियार कार्यक्रम पर उसके साथ सहयोग करने के खिलाफ चेताया. इस दौरान ट्रम्प ने कहा की इस परमाणु समझौते ने ईरान को बड़ी मात्रा में आर्थिक फायदा पहुँचाया है और परमाणु हथियार हासिल करने से भी नहीं रोका.
ट्रम्प ने इस परमाणु समझौते से अमेरिका को अलग करने के फैसले को कई यूरोपीय सहयोगियों तथा अमेरिका के शीर्ष डेमोक्रेट नेताओं की सलाह को नजरअंदाज करते हुए लिया है.
गौरतलब हो की अपने चुनाव प्रचार के दौरान ही ट्रम्प इस समझौते की कई बार आलोचना कर चुके थे, और वादा करते हुए कहा था की उनके सत्ता में आने बाद अमेरिका इस समझौते से अलग हो जायेगा. उन्होंने उस दौरान ही समझौते को खराब बताया था. इस समझौते के वार्ताकार तत्कालीन अमेरिकी विदेश मंत्री जॉन केरी थे. ज्ञात हो जुलाई 2015 में ईरान और संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के पांच स्थायी सदस्यों एवं जर्मनी तथा यूरोपीय संघ के बीच वियना में ईरान परमाणु समझौता हुआ था.
ट्रम्प के इस फैसले का दुनियाभर में प्रभाव होगा. इससे ईरान की अर्थववस्था भी प्रभावित होगी और पश्चिमी एशिया में भी राजनीतिक गर्मी बढ़ेगी.