ट्रंप सरकार पाकिस्तान पर कठोर कार्रवाई करने की योजना बना रही है. अमेरिका, पाकिस्तान के आतंक को बढ़ावा देने पर नकेल कसने की तैयारी कर रहा है. जानकारी के मुताबिक अमेरिका द्वारा पाकिस्तान को दी जाने वाली राशि में 10 करोड़ डॉलर की कटौती करने की योजना है. अगले वित्त वर्ष अमेरिका, पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर की आदायगी करने का मन बना रहा है.
प्रशासन ने सीएसएफ के तहत वार्षिक बजट प्रस्ताव में 10 करोड़ डॉलर की कटौती का प्रस्ताव पेश किया है. पेंटागन का यह कार्यक्रम उन सहयोगी देशों के खर्च की अदायगी करता है जिन्होंने आतंकवाद रोधी तथा चरमपंथी रोधी अभियानों में पैसा खर्च किया है.
इस योजना के तहत पाकिस्तान सबसे ज्यादा धन पाने वाले देशों में से एक है. 2002 से अब तक वह 14 अरब डॉलर पा चुका है लेकिन पिछले दो वर्षों में कांग्रेस ने उसे धन देने पर कुछ शर्तें लगाईं हैं.
अफगानिस्तान, पाकिस्तान और मध्य एशिया मामलों के लिए रक्षा मंत्रालय के प्रवक्ता एडम स्टंप ने बताया, ‘वित्त वर्ष 2018 बजट प्रस्ताव सीएसएफ के तहत पाकिस्तान को 80 करोड़ डॉलर की राशि देने की बात करता है. सीएसएफ प्राधिकार कोई सुरक्षा सहयोग नहीं है, बल्कि यह अमेरिकी अभियानों में प्रमुख सहयोगी देशों को साजोसामान, सैन्य और अन्य सहयोग के लिए रकम प्रदान करता है.’
पिछले वित्त वर्ष पाकिस्तान को 90 करोड़ डॉलर दिए गए थे
वित्त वर्ष 2016 के लिए पाकिस्तान को सीएसएफ के तहत 90 करोड़ डॉलर प्राप्त करने के लिए अधिकृत किया गया था.
एक सवाल के जवाब में उन्होंने कहा, ‘पाकिस्तानी सेना ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में जो अहम त्याग किया है, विभाग उसे मान्यता देता है, साथ ही अफगानिस्तान में मौजूद गठबंधन सेना के लिए पदार्थों की आवाजाही में पाकिस्तान के लगातार सहयोग की सराहना करता है.’
पाकिस्तान को इतनी बड़ी राशि दिए जाने की जरूरत को उचित ठहराते हुए पेंटागन ने कहा कि पाकिस्तान ने 2001 से ‘स्थाई स्वतंत्रता’ अभियान में अहम साझेदार की भूमिका निभाई है और क्षेत्र में स्थायित्व लाने में वह अहम भूमिका निभाना जारी रखेगा.