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जज से मुलाकात कर सुनवाई पर रोक लगाना चाहता है पाकिस्तान

सुनवाई शुरू होने के कुछ घंटों पहले पाकिस्तान ने अपने एक राजदूत की मदद से एक जज से मिलने की कोशिश की

FP Staff

कुलभूषण जाधव मामले को लेकर इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस (आईसीजे) में भारत और पाकिस्तान आमने-सामने हैं. सोमवार को द हैग स्थित आईसीजे में मामले की सुनवाई जारी है.

सुनवाई शुरू होने के कुछ घंटों पहले पाकिस्तान ने अपने एक राजदूत की मदद से एक जज से मिलने की कोशिश की. इस्लामाबाद से जुड़े सूत्रों ने सोमवार को यह जानकारी दी.


पाकिस्तान लगाना चाहता है सुनवाई पर रोक

पाकिस्तान ने तुरंत अपने दूत मोअज्जम अहमद खान से संपर्क किया. खान आईसीजे के एक जज के करीबी दोस्त हैं. जज से मुलाकात कर पाकिस्तान सुनवाई पर रोक लगाना चाहता था.

पाकिस्तान से जुड़े एक सूत्र ने इस बात की भी पुष्टि की कि जाधव जीवित हैं. उन्होंने बताया कि कानूनी और अपील की कार्रवाई पूरी होने के बाद ही पाकिस्तान द्वारा उन्हें फांसी दी जाएगी.

दूत से कहा गया कि वह जज को कंविन्स करे कि फांसी से पहले तीन महत्वपूर्ण कदम हैं. पाकिस्तान हरसंभव कोशिश कर रहा है कि सुनवाई रोक दी जाए. इससे यह साफ है कि पाकिस्तान ने सुनवाई में देरी करने या उसे रोकने के लिए दूसरे रास्ते अपनाने शुरू कर दिए हैं.

पिछले दिनों पाकिस्तान के प्रधानमंत्री नवाज शरीफ और भारतीय बिजनेसमैन सज्जन जिंदल की मुलाकात को भी वर्तमान स्तिथि को सुधारने के लिए पाकिस्तान के प्रयास के रूप में देखा जा रहा है.

जाधव को भारतीय जासूस बताते हुए पाकिस्तान की एक सैन्य अदालत ने उन्हें फांसी की सजा सुनाई है. आईसीजे में चल रही सुनवाई में भारत ने अपना पक्ष रख दिया है, शाम को पाकिस्तान को भी अपना पक्ष रखने का मौका दिया जाएगा.

नेवी अधिकारी और बेस्ड बिजनेसमैन

भारत ने यह स्वीकार किया है कि जाधव एक पूर्व नेवी अधिकारी हैं और मुंबई बेस्ड बिजनेसमैन है. भारत ने कहा कि जाधव को ईरान से उठाया गया था. वहीं पाकिस्तान का कहना है कि जाधव के बलूचिस्तान से गिरफ्तार किया गया है.

भारत ने 8 मई को इंटरनेशनल कोर्ट ऑफ जस्टिस में अपील की थी. अपील में भारत ने कहा कि इस मामले में जो भी हुआ वह वियना संधि का गंभीर उल्लंघन है.

इस संधि के अनुसार यदि किसी देश में बाहरी नागरिक को गिरफ्तार किया जाता है तो गिरफ्तार व्यक्ति जिस देश का नागरिक है उस देश के उच्चायोग के अधिकारियों को तुरंत गिरफ्तारी की सूचना दी जाती है.

भारत का पाकिस्तान पर आरोप

यदि वह नागरिक राजनयिक सहायता पाना चाहता है या अपने देश की कॉन्युलेट को कोई सूचना देना चाहता है तो वह सूचना तुरंत पहुंचानी चाहिए. लेकिन जाधव के मामले में पाकिस्तान ने उनकी गिरफ्तारी की जानकारी भारत को नहीं दी.

अपनी अपील में भारत ने पाकिस्तान पर यह भी आरोप लगाया कि पाकिस्तान ने जाधव को राजनयिक सहायता देने से भी इनकार कर दिया. भारत ने यह भी दावा किया कि जाधव को मिली मौत की सजा की जानकारी भारत को प्रेस रिलीज के जरिए मिली.

भारत चाहता है कि आईसीजे पाकिस्तान द्वारा दी गई मौत की सजा पर रोक लगाते हुए सैन्य अदालत के फैसले को खारिज कर दे.

वहीं पाकिस्तान ने कहा कि जाधव के मामले में उनके घरेलू कानून का पालन किया जाएगा न कि विएना संधि का. पाकिस्तान ने कहा कि राष्ट्रीय सुरक्षा पर खतरा होने की स्थिति में राजनयिक सहायता देने से इनकार किया जा सकता है.

न्यूज़ 18 साभार