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नेपाल में भूकंप के तीन साल बाद खुला कृष्ण मंदिर

इस कृष्ण मंदिर का निर्माण भारतीय शिखर शैली में किया गया है.

Bhasha

नेपाल में साल 2015 में भीषण भूकंप के तीन साल बाद पहली बार भगवान कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिर को लोगों के लिए फिर से खोल दिया गया है. यह मंदिर भारतीय शिखर शैली में निर्मित है. मंदिर खोलने के बाद ही हजारों लोग दर्शन करने के लिए भी पहुंचे.

दरअसल, नेपाल में 25 अप्रैल 2015 को भयानक 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था. इस आपदा में जान-माल का भारी नुकसान हुआ था. जिसमें करीब 8700 लोग मारे गए थे. वहीं नेपाल की संपत्ति और घाटी में फैले सांस्कृतिक विरासत स्थलों को भी काफी नुकसान पहुंचा था. इसमें भगवान कृष्ण के प्रसिद्ध मंदिर को भी काफी क्षति हुई थी.


हालांकि काठमांडो के ललितपुर नगर निकाय में स्थित भगवान कृष्ण के 17वीं शताब्दी के मंदिर को फिर से खोले जाने के बाद दर्शन के लिए हजारों श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ी थी. ललितपुर में सिद्धि नरसिंह मल्ल के जरिए निर्मित कलात्मक मंदिर भूकंप में आंशिक रूप से क्षतिग्रस्त हो गया था. हालांकि पत्थर से बने मंदिर की मरम्मत का काम हाल में पूरा किया गया है. इस मंदिर को रंगीन झंडे, बैनर और लाइट के साथ सजाया गया है, जिससे इसकी खूबसूरती देखते ही बनती है. तीन मंजिला इस मंदिर के 21 शिखर है.

भारतीय शिखर शैली में निर्माण

मंदिर अपने आप में काफी खास हैं क्योंकि इस मंदिर की पहली मंजिल में पत्थरों पर हिन्दुओं के महाकाव्य महाभारत से जुड़ी घटनाओं को उकेरा गया है तो वहीं दूसरी मंजिल में रामायण से जुड़े दृश्यों को दर्शाया गया है. बता दें कि इस कृष्ण मंदिर का निर्माण भारतीय शिखर शैली में किया गया है. इस मंदिर के बारे में एक कहानी भी प्रचलित है कि एक रात मल्ल राजा ने सपने में कृष्ण और राधा को देखा और अपने महल के सामने मंदिर बनाने का निर्देश दिया. इसकी एक प्रतिकृति राजा ने महल के अंदर परिसर में बनवायी थी.