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साजिद जाविद: पिता थे बस ड्राइवर, अब बेटा बना ब्रिटेन का गृहमंत्री

साजिद जाविद के पिता पेशे से बस ड्राइवर थे, जो 1960 के दशक में पाकिस्तान से ब्रिटेन आकर बस गए थे

FP Staff

ब्रिटेन में टेरीजा मे कैबिनेट से अंबर रड के इस्तीफे के बाद साजिद जाविद को नया गृह मंत्री बनाया गया है. जाविद को अप्रवासियों को लेकर उठे तूफान को शांत करने के लिए ये पद सौंपा गया हो सकता है. दरअसल रड ने प्रवासियों के निर्वासन लक्ष्यों की सच्चाई को लेकर संसद को 'अनजाने में गुमराह' करने की बात स्वीकार करते हुए अपने पद से इस्तीफा दे दिया था, जिसके बाद जाविद को यह जिम्मेदारी सौंपी गई.

साजिद जाविद के पिता पेशे से बस ड्राइवर थे, जो 1960 के दशक में पाकिस्तान से ब्रिटेन आकर बस गए थे. जाविद वर्ष 2010 में पहली बार ब्रॉम्सग्रोव सांसद बने और फिर तीन अलग-अलग विभागों के मंत्री रह चुके हैं. फिलहाल वह 'कम्युनिटीज़, लोकल गर्वंमेंट व हाउसिंग मंत्री का जिम्मा संभाल रहे थे.


बीबीसी की रिपोर्ट के मुताबिक, जाविद ने कम्प्रेसिव स्कूल और एक्सटर यूनिवर्सिटी से पढ़ाई की और गृह मंत्री के पद पर पहुंचने वाले पहले अश्वेत, एशियाई और अल्पसंख्यक नेता हैं.

जाविद का सियासी सफर काफी शानदार रहा है. जनवरी 2015 में उन्हें ब्रिटिश मुस्लिम समुदाय की तरफ से पॉलिटीशन ऑफ द इयर का अवार्ड दिया गया था. वहीं नवंबर 2017 में जाविद को पैचवर्क फाउंडेशन की तरफ कंजर्वेटिव एमपी ऑफ द इयर सम्मान से नवाजा गया.

जाविद के परिवार में उनकी पत्नी और चार बच्चे हैं. वहीं इससे पहले उन्होंने कहा था कि उनके परिवार की सांस्कृतिक विरासत मुस्लिम है, लेकिन वह किसी धर्म का पालन नहीं करते. वहीं वह मानते हैं कि 'हमें ईसाइयत को अपने देश के धर्म के रूप में मान्यता देनी चाहिए.'

जाविद को गृह मंत्रालय का जिम्मा अंबर रड के इस्तीफे के बाद सौंपा गया. रड ने यह कहते हुए अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था कि उन्होंने निर्वासन लक्ष्यों की सचाई को लेकर संसद को ‘अनजाने में गुमराह’ किया है. अंबर का इस्तीफा प्रधानमंत्री टेरीजा मे के लिए एक बड़ा झटका माना जा रहा था.

दरअसल यह मामला कैरेबियाई आव्रजकों से जुड़ा था, जिन्हें 1940 के दशक के तथाकथित 'विंडरश जेनरेशन' द्वारा ब्रिटेन लाया गया था. दूसरे विश्वयुद्ध के बाद भारी संख्या में ब्रिटेन पहुंचे पहले कैरेबियाई आव्रजकों के समूह 'विंडरश जेनरेशन' को हटाए जाने के मामले में अंबर से गृह मंत्रालय की सेलेक्ट कमेटी (प्रवर समिति) ने पिछले हफ्ते सवाल किया था.

ब्रिटेन के गृह मंत्रालय के निर्वासन लक्ष्यों और इसकी बारे में उनकी जानकारी को लेकर 54 वर्षीय अंबर की काफी आलोचना हो रही थी और उन पर इस्तीफा देने का काफी दबाव था.