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13,000 साल पहले ही इनसानों ने बना ली थी बीयर: अध्ययन

अध्ययन में यह पुष्टि की गई है कि इन पत्थरों का उपयोग गेहूं और जौ से शराब बनाने के साथ-साथ खाद्य भंडारण के लिए भी किया जाता था

FP Staff

प्रागैतिहासिक (प्री हिस्टॉरिक) मनुष्यों को भी बीयर की प्यास थी और कम से कम 5000 साल पहले उन्होंने इसके उत्पादन के बारे में सोच लिया था. दरअसल वैज्ञानिकों का कहना है कि पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में शराब उत्पादन के साक्ष्य पाए गए हैं.

अमेरिका में स्टैनफोर्ड विश्वविद्यालय और इज़राइल में हाइफा विश्वविद्यालय के पुरातत्वविदों ने इज़राइल में 13,000 साल पुरानी गुफा से तीन पत्थरों की छान-बीन की. उनके विश्लेषण में यह पुष्टि की गई है कि इन मोर्टार (पत्थरों) का उपयोग गेहूं और जौ से शराब बनाने के साथ-साथ खाद्य भंडारण के लिए भी किया जाता था.


इंडियन एक्सप्रेस की खबर के मुताबिक यह अध्ययन जर्नल ऑफ आर्कियोलॉजिकल साइंस में प्रकाशित हुआ है. इसके मुताबिक उत्तरी चीन में पाए जाने वाले सबसे पहले ज्ञात साक्ष्य से भी पांच हजार साल पहले पूर्वी भूमध्यसागरीय क्षेत्र में बीयर बनाने की प्रथाएं मौजूद थीं.

स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ली लियू ने कहा, 'सभ्यताओं के विकास में शराब बनाना और खाद्य भंडारण प्रमुख तकनीकी नवाचारों में से थे.' उनका कहना है कि पुरातात्विक विज्ञान उनकी उत्पत्ति का पता लगाने और उनकी सामग्री को समझने में मदद करने के लिए एक शक्तिशाली माध्यम है.

हमेशा चौंकाने वाले होते हैं रकीफेट गुफा से मिलने वाले अवशेष

अध्ययन के मुताबिक रकीफेट गुफा में नैचुफियन आसपास के पौधे, बीज इकट्ठा कर अपने अनुष्ठानों के आधार पर बीयर बनाते थे. हाइफा विश्विद्यालय के शोधकर्ता के मुताबिक रकीफेट गुफा से मिलने वाले अवशेष हमेशा चौंकाने वाले होते हैं.

शोध के मुताबिक उन्होंने फाइबर से बने कंटेनरों में पौधे-खाद्य पदार्थों को पैक किया और उन्हें बोल्डर मोर्टार में संग्रहित किया. उन्होंने पौधे लगाने और खाना पकाने के लिए मोर्टार का इस्तेमाल किया. और 13,000 साल पहले अनुष्ठानों और समारोहों में गेहूं और जौ से बीयर बनाई.