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ह्यूमन राइट्स वॉच के मुताबिक वापस हिंसा के रास्ते पर लौट सकता है श्रीलंका

रविवार को संसद के अध्यक्ष कारु जयसूर्या ने विक्रमसिंघे को एक बार फिर से प्रधानमंत्री की मान्यता दे दी है

Bhasha

श्रीलंका में चल रही राजनीतिक उठापटक के कारण द्वीपीय देश में एक बार फिर से हिंसा का माहौल पैदा हो सकता है. रविवार को अंतरराष्ट्रीय मानवाधिकार संगठन ह्यूमन राइट्स वॉच ने कहा कि महिंदा राजपक्षे को प्रधानमंत्री नियुक्त करने के श्रीलंका के राष्ट्रपति मैत्रीपाला सिरिसेना के फैसले से देश के एक बार फिर गलत रास्ते पर जाने का भय उत्पन्न हो गया है.

इस संगठन की एशिया निदेशक ब्रॉड एडम्स ने कहा, 'पूर्व के अपराधों पर किसी न्याय के बगैर ही राजपक्षे की सत्ता के उच्च पद पर वापसी से श्रीलंका में मानवाधिकारों के बारे में चिंताएं सामने आई हैं.' मानवाधिकारों पर निगाह रखने वाले इस संगठन ने कहा है कि मौजूदा श्रीलंका सरकार 'राजपक्षे के शासनकाल में हुए युद्ध अपराधों के पीड़ितों को न्याय दिलाने में विफलता पूर्व दोषियों के लिए गलत रास्तों पर लौटने का रास्ता खोलती है.’


गौरतलब है कि सिरीसेना ने शुक्रवार को एक नाटकीय घटनाक्रम के तहत प्रधानमंत्री रानिल विक्रमसिंघे को बर्खास्त कर उनकी जगह पूर्व राष्ट्रपति महिंदा राजपक्षे को नया प्रधानमंत्री नियुक्त कर दिया था. उनके इस फैसले से देश में राजनीतिक संकट गहरा गया था. हालांकि इस घटना क्रम में नया मोड़ रविवार को आया जब संसद के अध्यक्ष कारु जयसूर्या ने विक्रमसिंघे को एक बार फिर से प्रधानमंत्री की मान्यता दे दी.