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साजिशों के भंवर में फंसे से फिदेल कास्त्रो

फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए 638 साजिशें रची गईं.

Bikram Vohra

क्यूबा के पूर्व राष्ट्रपति फिदेल कास्त्रो ने एक बार कहा था कि अगर किसी की हत्या की कोशिश का कोई ओलंपिक मुकाबला होता तो वो इसमें स्वर्ण पदक जीतते.

फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए 638 साजिशें रची गईं. मगर, कास्त्रो हर बार खुद को बचाने में कामयाब हुए. और ये तो आधिकारिक आंकड़ा है. इस दौरान फिदेल कास्त्रो को मारने के लिए, जहरीले सिगार, जहरीले पेन और विस्फोटक वाली सिगरेट तक के तरीके आजमाए गए. इनमें से ज़्यादातर साजिशें अमेरिकी खफिया एजेंसी CIA ने रची थीं. इसमें क्यूबा से भागकर अमेरिका में बसे फिदेल कास्त्रो के विरोधी भी शामिल थे.


साजिश में शामिल थी गर्लफ्रेंड

इनमें से एक साजिश के तहत कास्त्रो की पूर्व गर्लफ्रेंड मारिटा लॉरेंज के जरिए क्यूबा तक कोल्ड क्रीम का जार भेजना भी शामिल था. मारिटा इस साजिश के लिए राजी भी हो गई थी.

कहते हैं कि जब कास्त्रो को पता चला तो उन्होंने अपनी पूर्व प्रेमिका मारिटा को पिस्टल देकर कहा कि उन्हें गोली मार दे. जहिर है मारिटा ने ऐसा नहीं किया.

कास्त्रो को मारने 639वीं कोशिश सॉलिटरी रीपर की थी, जिसे CIA की मदद की जरूरत भी नहीं थी. मगर कास्त्रो ने उसे भी जाने दिया.

सख्ती से किया राज

कहते हैं कि अमेरिका में बसे क्यूबा के अप्रवासी, फिदेल कास्त्रो की मौत का जश्न मना रहे हैं. मगर क्यूबा में गम का माहौल है. आखिर कास्त्रो के राज में अमेरिका में 11 राष्ट्रपति आए और गए.

और उन्होंने हमेशा ही उन्हें दुनिया के सबसे ताकतवर शख्स कहे जाने वाले अमेरिकी राष्ट्रपतियों का मजाक उड़ाया.

क्यूबा में इस बात की फिक्र भी है कि कास्त्रो के गुजर जाने से कुछ नहीं बदलेगा.

फिदेल कास्त्रो सबसे लंबे वक्त तक राज करने वाले क्रांतिकारी नेता थे. उनके किरदार को लेकर रूमानियत भरी बातें कही जाती हैं. मगर कास्त्रो ने करीब आधी सदी तक क्यूबा पर बेहद सख्ती से राज किया.

डर के माहौल में जीते रहे लोग 

एक बेहद खूबसूरत देश के प्यारे लोग बरसों तक डर के माहौल में जीते रहे. जब मेरे एक रिश्तेदार क्यूबा में भारत के राजदूत थे, तो मैंने बहुत कोशिश की कि कास्त्रो एक इंटरव्यू देने को राजी हो जाएं, मगर ऐसा नहीं हो सका.

जब हम वहां रहे थे, तो अमेरिका के दखल और कास्त्रो के राज का खौफ पूरे देश पर दिखता था. मेरा सामान एयरपोर्ट से ही खास चेकिंग के लिए कहीं और ले जाया गया था. हमारा गाइड कार्लोस एक डॉलर से ज्यादा की टिप नहीं लेता था, क्योंकि इससे ज्यादा नोट रखने की मनाही थी.

स्थानीय अखबार सिर्फ सरकार का ढिंढोरा पीटते थे. एक अखबार का नाम था ग्रानमा और मुझे आगाह किया गया था कि मैं उस नाम का मज़ाक़ उड़ाने की कोशिश कतई न करूं.

कास्त्रो के दौर में आप खरीदारी के लिए बाजार जाते तो वहां के लोग आपसे अपने बच्चों के लिए दूध खरीदने की गुजारिश करते. वो कहते थे कि हमें पैसे मत दो. हमारे लिए ज़रूरी सामान खरीद दो. सबको खुफिया पुलिस का डर सताता था. लोग सहमे हुए थे.

क्यूबा की अर्थव्यवस्था को नहीं खोला

फिदेल कास्त्रो ने क्यूबा की अर्थव्यवस्था को बाकी दुनिया के लिए कभी नहीं खोला. देश में सख्ती से राशन का सिस्टम लागू था. जब हम स्थानीय लोगों से बात करते थे, तो वो हमारे सवालों के जवाब देने में डरते थे. क्यूबा में रहकर आपके किसी चीज़ की बुराई करने का सवाल ही नहीं था.

विदेशी सैलानियों को क्यूबा के स्थानीय लोगों के घर जाने पर रोक थी. हमारे गाइड ने हमको अपने घर न ले जा पाने के लिए माफी मांगी थी.

इसके बावजूद वहां भयंकर गरीबी जैसा माहौल नहीं था. बंदिशों के बावजूद क्यूबा के लोग नाचते-गाते और खुशियां मनाते दिखते थे.

बाद में लोगों को मुसीबतों और बंदिशों की आदत पड़ गई थी. अमेरिका में बनी पचास के दशक की कारें, बरसों तक क्यूबा में चलती रही थीं. अक्सर उन्हें सड़कों पर लड़खड़ाते-लहराते देखा जा सकता था.

क्यूबा में साफ विरोधाभास 

क्यूबा में विरोधाभास साफ़ देखने को मिलते थे. एक तरफ़ बंदिशों का राज था. हर वक़्त दरवाज़े पर खौफ की दस्तक का डर सताता रहता था.

वहीं दूसरी तरफ़ चमकीले कपड़ों में नाचते-गाते क्यूबाई नागरिक भी दिखते थे. संगीत का शोर, विरोध की आवाज को दबा देता था. कास्त्रो के विरोधी ला कबाना नाम की जगह पर कैद करके रखे जाते थे. आज वो सैलानियों की सैरगाह के तौर पर मशहूर है.

और जब मैं ये लेख लिख रहा हूं, मुझे पता है कि अमेरिका के मियामी बीच पर जश्न का माहौल है. लोग नाच-गाकर फिदेल कास्त्रो की मौत पर ख़ुशी जता रहे हैं. उन्हें उम्मीद है कि उनके अपने वतन से दूर रहने के दिन पूरे हुए.

फिदेल कास्त्रो अपनी ज़िंदगी के आखिरी दिनों में अपनी जवानी का साया भर रह गए थे. आठ साल पहले ही भाई राउल कास्त्रो ने सत्ता की कमान संभाल ली थी. अब अमेरिका से भी रिश्ते सुधर रहे हैं. उम्मीद है कि ये खूबसूरत कैरेबियाई देश बहुत जल्द एक लोकतांत्रिक देश होगा.

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