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मोसुल में 39 भारतीयों की हत्या: मलकीत सिंह का परिवार मांगे सबूत

अपने छोटे भाई को खोने के बावजूद मनजीत सिंह को यहां तक पता नहीं है कि उनका भाई कौन-सा काम करता था

Amitesh

गुरदासपुर के तिलियावाला बटाल इलाके के रहने वाले मलकीत सिंह अब इस दुनिया में नहीं रहे. युवा मलकीत सिंह की शादी फरवरी 2014 में ही हुई थी. लेकिन, उसके कुछ ही महीने बाद वो नौकरी के लिए इराक चले गए. लेकिन, वहां के खराब हालात का शिकार हो गए.

आईएसआईएस की गिरफ्त में आने के बाद उनकी मौत हो चुकी है. उनके बड़े भाई मनजीत सिंह का बात करते हुए गला रूंध जाता है. माता-पिता का रो-रो कर बुरा हाल है. मनजीत बताते हैं कि शादी के कुछ ही महीने हुए थे लेकिन, मेरा भाई एजेंट के हत्थे चढ़ गया. हालांकि उनकी नाराजगी सरकार को लेकर भी है.


सरकार हमसें मिलना नहीं चाहती 

फ़र्स्टपोस्ट से बातचीत के दौरान मनजीत ने कहा कि हमने लगातार समय मांगा लेकिन, सरकार की तरफ से हमें मिलने के लिए समय नहीं दिया गया. सरकार कभी कुछ कह रही है, तो कभी कुछ और ही कह रही है. हालांकि अभी भी मनजीत को भरोसा नहीं हो रहा है कि उनका भाई अब इस दुनिया में नहीं रहा.

मनजीत का कहना है कि जबतक सरकार पुख्ता सबूत नहीं पेश करती तबतक हम इस बात को नहीं मानेंगे. उनकी नाराजगी 40 भारतीयों में से भाग कर बाहर निकले हरजीत के बयान को लेकर भी है. वो कहते हैं कि सरकार कभी बोलती है कि हरजीत गलत है और अब बोल रही है कि हरजीत सही बोल रहा है. तो किस बात पर भरोसा करें.

अपने छोटे भाई को खोने के बावजूद मनजीत सिंह को यहां तक पता नहीं है कि उनका भाई कौन-सा काम करता था. वो कहते हैं कि उनका छोटा भाई एजेंट के माध्यम से विदेश गया था. पता नहीं वहां कौन-सा काम करता था.