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इस साल नहीं दिया जाएगा लिटरेचर का नोबेल, #MeToo कैंपेन में उलझी एकेडमी

एकेडमी ने बताया कि 2018 का पुरस्कार 2019 में दिया जाएगा. यानी अगले साल 2 लिटरेचर के नोबल अनाउंस किए जाएंगे

FP Staff

पिछले कुछ दिनों से आशंका जताई जा रही थी कि इस बार का साहित्य का नोबेल शायद न घोषित किया जाए और अब ये आधिकारिक रूप से स्पष्ट हो गया है. स्वीडिश एकेडमी ने शुक्रवार को कहा है कि इस साल साहित्य के क्षेत्र में नोबेल पुरस्कार नहीं दिया जाएगा. यौन उत्पीड़न के आरोपों और अन्य मुद्दों के कारण संगठन की छवि को हुए नुकसान को देखते हुए यह फैसला किया गया.

एकेडमी ने बताया कि 2018 का पुरस्कार 2019 में दिया जाएगा. यानी अगले साल 2 लिटरेचर के नोबल अनाउंस किए जाएंगे. लेकिन ध्यान देने वाली बात ये है कि ऐसा दूसरे विश्व युद्ध के बाद पहली बार होगा, जब साहित्य का नोबल पुरस्कार घोषित नहीं किया जाएगा.


इसके पहले एकेडमी ने 1915, 1919, 1925, 1926, 1927, 1936 और 1949 में नोबल प्राइज रिजर्व किया था, जिसे अगले साल के पुरस्कारों के साथ बांटा गया.

स्टॉकहोम में आयोजित संगठन की साप्ताहिक बैठक में यह फैसला किया गया. इसके पीछे दलील दी गई है कि यौन उत्पीड़न और वित्तीय अपराध के मामलों के सामने आने के बाद एकेडमी विनर के चयन की स्थिति में नहीं है.

स्वीडिश एकेडमी की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि ‘एकेडमी की छवि को हुई क्षति और इसके प्रति लोगों में विश्वास की कमी को देखते हुए यह फैसला किया गया.’

बता दें कि अभी 30 अप्रैल को एकेडमी के 6 सदस्यों ने अपने पदों से इस्तीफा दे दिया था. उन्होंने ये कदम एकेडमी की पूर्व सदस्य कैटरीना फ्रॉस्टेन्सन को हटाने के विरोध में उठाया था. दरअसल फ्रॉस्टेन्सन के फ्रेंच फोटोग्राफर पति जीन-क्लॉद अर्नाल्ट पर स्वीडिश राजकुमारी विक्टोरिया सहित 18 औरतों के साथ छेड़छाड़ के आरोप लगे हैं, जिसके चलते एकेडमी ने फ्रॉस्टेन्सन को उनके पद से हटा दिया था.

अर्नाल्ट पर आरोप है कि उन्होंने एकेडमी से जुड़े जगहों पर ऐसी हरकतें की थीं और उन्होंने 2006 में प्रिंसेस विक्टोरिया से जबरदस्ती की थी. अर्नाल्ट ने इन सभी आरोपों को खारिज किया है. स्वीडिश पेपर स्वेन्स्का डेग्ब्लाडेट में भी एक रिपोर्ट में तीन चश्मदीद गवाहों ने उनके खिलाफ बयान भी दिया है.