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वाट्सऐप- द बिगनिंग: स्टेटस अपडेट से दुनिया में वर्चस्व तक का सफर

अपनी स्थापना के 8 साल के दौरान यह ऐप बहुत बदल गया है...

Aditya Madanapalle

वाट्सऐप फिलहाल हमारे जीवन का सबसे अहम हिस्सा बन गया है. आठ साल में इस सर्विस ने अलग ही मुकाम हासिल किया है. इसके सफर पर एक नजर में पढ़िए पहली कड़ी

भारत में वाट्सऐप का गहरा इतिहास है. भारत में मोबाइल इंटरनेट क्रांति की शुरुआत के साथ यह मैसेजिंग ऐप शुरू हुआ. यह एसएमएस का बेहतरीन विकल्प पेश करने वाले पहले ऐप्स में से एक था. आज पूरी दुनिया में इसके एक अरब से ज्यादा यूजर हैं और इनमें सबसे बड़ी तादाद भारतीयों की है. यह सेवा हमारे डिजिटल अस्तित्व का मुख्य आधार बन गया है.


अपनी स्थापना के 8 साल के दौरान यह ऐप इतना बदल गया है कि आज के ऐप और मूल वाट्सऐप में बहुत ही कम समानता बची है.

हालांकि जब पहली बार यह ऐप स्टोर में आया तो माना गया कि इसने स्नैपचैट की स्टोरीज फीचर को चुरा लिया है. वाट्सऐप मूलतः दोस्तों को आपका स्टेटस दिखाने का ऐप्लिकेशन था. हम वाट्सऐप के जिस वर्तमान स्वरूप को जानते हैं, वह शुरुआत में आईओएस ऑपरेटिंग सिस्टम में एक बेसिक फीचर जोड़ने की वजह से साकार हुआ.

नवंबर 2009 में वाट्सऐप में पुश नोटिफिकेश लाइव हो जाने के तुरंत बाद इसने ऐप स्टोर में अपना अपडेटेड वर्जन उतारा. अब स्टेटस का तस्वीरों और मूविंग पिक्चर तक विस्तार हो गया. शुरुआत में यह सिर्फ एक टेक्स्ट स्ट्रिंग था.

इसमें पहले से निर्धारित कुछ स्टेटस संदेश थे. इसके पीछे सोच थी आप के दोस्तों और परिवार को यह बताना कि आप मौजूदा समय में क्या कर रहे हैं, यानि सो रहे हैं, बैठक में हैं, फिल्म देख रहे हैं, व्यस्त हैं या उपलब्ध हैं. सोचा यह गया था कि जैसे ही आप अपनी गतिविधियां बदलें, अपने स्टेटस को भी अपडेट करें. हालांकि यह फंक्शन अब भी वाट्सऐप में मौजूद है, लेकिन इसका उस काम के लिए कभी इस्तेमाल नहीं हुआ जिसके लिए यह बनाया गया था.

सितंबर 2009 में ऐपल ने चैट फंक्शन के साथ आए वाट्सऐप 2.0 वर्जन को मंजूरी दी. तीन महीने बाद दिसंबर 2009 में वाट्सऐप 2.3 वर्जन आया. इसमें वीडियो और तस्वीरें भेजने की क्षमता शामिल थी. जैसे ही डेवलपर्स ने इसमें इस्टेंट मैसेजिंग का फंक्शन जोड़ा, वाट्सऐप की लोकप्रियता तेजी से बढ़ने लगी.

शुरू में वाट्सऐप आइकन आईओएस डिवाइस पर कॉलिंग और मैसेज ऐप्लिकेशन के स्केयूमोर्फिक डिज़ाइन के साथ पूरी तरह मेल खाता था.

जब 2010 के मध्य में पहली बार वाट्सऐप भारत में शुरू हुआ, तब यह आईओएस पर पेड सर्विस था. खाते के सत्यापन की लागत सेवा मुहैया कराने की लागत से ज्यादा थी. एक बार एक डॉलर फीस लेने की यही वजह थी.

धीरे-धीरे वाट्सऐप एक क्रॉस प्लेटफॉर्म एप्लिकेशन बन गया और यूजर्स को आईओएस, एंड्रॉयड, विंडोज मोबाइल, ब्लैकबेरी और नोकिया फीचर फोन पर भी उपलब्ध कराया गया.

IOS पर इस सेवा के इस्तेमाल के लिए सिर्फ एक बार फीस देनी पड़ती थी. लेकिन अन्य प्लेटफार्मों पर यह सेवा एक साल के लिए नि:शुल्क थी.  इसके बाद यूजर्स को एक साल के लिए एक डॉलर में वाट्सऐप सब्सक्राइब करना पड़ता था. लेकिन यह पेमेंट मॉडल भारत में वाट्सऐप की लोकप्रियता बढ़ने से नहीं रोक सका. वाट्सऐप ने आईओएस डिवाइस के लिए भी सब्सक्रिप्शन मॉडल पेश करने की योजना बनाई.

विज्ञापन के सहारे नहीं थी यह सेवा

वीचैट लाइन और वीबर सहित अन्य इंस्टेंट मैसेजिंग एप्लिकेशन भी तेजी से अपनाए जा रहे थे. एशिया में कड़ा मुकाबला था जो अब भी बेहतर फीचर्स और फलते-फूलते चैटबोट इकोसिस्टम के साथ जारी है. वाट्सऐप में वॉयस मैसेज भेजने की एक बड़ी सुविधा की कमी थी जो प्रतियोगी ऐप्लिकेशन में उपलब्ध थी. क्रॉस प्लेटफॉर्म मैसेजिंग एप्लिकेशन निंबज बहुत से डेस्कटॉप चैट क्लाइंट के साथ ही स्मार्टफोन पर भी लोकप्रिय था. यह एस 40 और एस 60 के दिनों से है.

फरवरी 2011 में वाट्सऐप ने ग्रुप चैट सुविधा पेश की. शुरू में ग्रुप चैट में सिर्फ पांच दूसरे यूजर हिस्सा ले सकते थे. लांच के वक्त आईएम क्लाइंट के आईफोन, ब्लैकबेरी और विंडोज मोबाइल वर्जन में भी यह फीचर आ गया, लेकिन s60 में नहीं. इसी समय ग्रुप चैट में नोटिफिकेश को नियंत्रित करने की सुविधा भी शुरू हुई.

वाट्सऐप और अन्य इंस्टेंट मैसेजिंग क्लाइंट ने एसएमएस सेवाओं का सस्ता विकल्प पेश किया. उभरती अर्थव्यवस्थाओं के मूल्य संवेदनशील बाजारों में इंस्टैंट मैसेजिंग क्लाइंटों ने जल्द स्वीकार्यता प्राप्त कर ली. 2012 के दौरान इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस से भेजे गए संदेशों की संख्या एसएमएस के माध्यम से भेजे गए संदेशों संख्या को पार कर गई. एसएमएस के जरिए 17.6 अरब संदेश भेजे गये जबकि आईएम सेवाओं के माध्यम से 19 अरब संदेश भेजे गए.

टेलीकॉम रेगुलेटरी अथॉरिटी ऑफ इंडिया (ट्राई) के आंकड़ों के मुताबिक, 2012 में जुलाई से सितंबर की अवधि के दौरान एसएमएस का वॉल्यूम 2011 में इसी अवधि के मुकाबले 5.6 प्रतिशत घट गया. अभी तक भारत में स्मार्टफोन और मोबाइल इंटरनेट अपने शुरुआती दिनों में थे, लेकिन दोनों तेज बढ़ोतरी के लिए बिल्कुल तैयार थे. रिसर्च फर्म ओवम ने एसएमएस की जगह आईएम क्लाइंट के प्रचलन के चलते 2016 तक भारतीय दूरसंचार ऑपरेटरों को 3.1 अरब डॉलर के नुकसान होने का अनुमान लगाया था.

नोकिया आशा 210 में अलग से वाट्सऐप बटन शामिल

आशा 210 के लांच के लिए नोकिया ने वाट्सऐप के साथ साझेदारी की. इस समझौते के तहत वाट्सऐप को नोकिया के इस डिवाइस के यूजर्स को अपनी सेवाएं नि:शुल्क प्रदान करनी थी. दूसरी तरफ नोकिया को अपने आशा 210 मोबाइल में वाट्सऐप के लिए एक अलग से बटन देना था. बाजार के हिसाब से यही फोन वाट्सऐप की बजाय फेसबुक बटन के साथ भेजा जाता था.

इसी समय एक अरब डॉलर में व्हाट्सएप खरीदने में गूगल के रुचि दिखाने की खबरें आईं. लेकिन वाट्सऐप ने संकेत दिया कि वह इंस्टैंट मैसेजिंग सेवा की बिक्री को लेकर गूगल के साथ कोई बातचीत नहीं कर रहा है.

जुलाई 2013 तक वाट्सऐप ने मासिक सक्रिय यूजर्स की संख्या के मामले में ट्विटर को पीछे छोड़ दिया, जो कि 250 मिलियन तक पहुंच गया था. पहली बार वाट्सऐप ने अपनी सेवा के बेस यूजर्स के आंकड़े जाहिर किया था. सिर्फ फेसबुक मेसेंजर और स्काइप दूसरे ऐप्लिकेशन थे, जिनके पास वाट्सऐप के आसपास यूजर्स थे.

वाट्सऐप पुश-टू-टॉक फीचर

अगस्त 2013 में वाट्सऐप ने शॉर्ट वॉइस मैसेज को सपोर्ट करने वाला एक फीचर शुरू किया जिसे पुश-टू-टॉक के नाम से जाना गया. उस समय पूरी दुनिया में इस ऐप्लिकेशन के 300 मिलियन यूजर थे.

भारत में टाटा डोकोमो पहला सर्विस प्रोवाइडर था जिसने अपने उपभोक्ताओं को विशेष डेटा दरों पर यह सेवा मुहैया कराने के लिए व्हाट्सएप के साथ समझौता किया. उपभोक्ताओं को इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस के असीमित इस्तेमाल का आनंद उठाने के लिए प्रति दिन 1 रुपये खर्च करना पड़ता था.

उस समय भारत में वाट्सऐप के 30 मिलियन यूजर्स थे. हमारे पाठकों के बीच किए गए एक सर्वेक्षण के मुताबिक 60 प्रतिशत लोगों ने हफ्ते में कम से कम एक बार वाट्सऐप का इस्तेमाल किया था, जबकि फेसबुक मैसेंजर 30 प्रतिशत के साथ दूसरे स्थान पर था. रिलायंस का 16 रुपए का एक डेटा प्लान था, जहां 16 रुपए के मासिक भुगतान के बाद वाट्सऐप का इस्तेमाल मुफ्त था.

नवंबर 2013 के अंत तक वाट्सऐप ने इनकार कर दिया था कि वह बिक्री के लिए बातचीत कर रहा है. सोशल नेटवर्किंग और संचार की दुनिया के बड़े तकनीकी दिग्गज ही वाट्सऐप के संभावित खरीदार हो सकते थे. इसके लिए फेसबुक और गूगल को ही संभावित खरीदार समझा गया.

दिसंबर 2013 में वाट्सऐप ने बताया कि इसने पूरी दुनिया में 400 मिलियन मासिक यूजर्स के आंकड़े को छू लिया है. व्हाट्सएप सीईओ जैन कोम ने एक ब्लॉग में लिखा है कि 'वाट्सऐप के पास सिर्फ 50 कर्मचारी हैं और हममें से अधिकांश इंजीनियर हैं. हम विज्ञापनों या बड़े मार्केटिंग अभियानों पर एक भी डॉलर खर्च किए बिना इस मुकाम पर पहुंचे हैं. हम उन लोगों की वजह से यहां तक पहुचे हैं जो अपने सहकर्मियों, दोस्तों और प्रियजनों के साथ अपनी कहानियां वाट्सऐप पर साझा करते हैं- ऐसी कहानियां जिसे हम सुनना पसंद करते हैं. वाट्सऐप एक महीने में 30 मिलियन और यूजर्स जोड़ लेगा.”

वाट्सऐप के यूजर्स का आंकड़ा बढ़ना जारी रहा और जनवरी 2014 तक इसके 430 मिलियन मासिक यूजर्स हो गए. उस समय वाट्सऐप के प्रतिनिधियों ने कहा कि वे आईएम क्लाइंट में स्टिकर और गायब हो जाने वाली इमेज मैसेज जैसे गिमिक नहीं डालेंगे. इस तरह के फीचर स्नैपचैट में थे, जो उस समय तेजी से लोकप्रिय हो रहा था. वाट्सऐप ने बाद में दोनों सुविधाओं की अपनी अलग व्याख्या पेश की.

फरवरी 2014 में फेसबुक ने घोषणा की कि वह वाट्सऐप के अधिग्रहण के लिए एक समझौते पर पहुंच गया है. इस वक्त वाट्सऐप हर दिन 1 लाख यूजर्स जोड़ रहा था. सौदे का कुल मूल्य 19 अरब डॉलर था. चार अरब डॉलर का नकद में भुगतान करना था, जबकि फेसबुक के शेयरों के जरिए 12 अरब डॉलर का भुगतान होना था. चार साल के दौरान वाट्सऐप के संस्थापकों और कर्मचारियों को 3 अरब डॉलर का भुगतान रिस्ट्रिक्टेड स्टॉक में करना था.

इस सौदे का व्यापक असर होना ही था. इस घोषणा के तुरंत बाद ब्लैकबेरी के शेयरों में तेज वृद्धि हुई. वाट्सऐप के संस्थापक और सीईओ जैन कोम फेसबुक के बोर्ड में शामिल हो गए. याहू के साथ काम करने के बाद कोम ने फेसबुक में नौकरी हासिल करने की कोशिश की थी, लेकिन उन्हें मना कर दिया गया था. इस सौदे में सेक्वाइया कैपिटल को सबसे ज्यादा फायदा हुआ. उसे वाट्सऐप में अपने निवेश का 50 गुना ज्यादा रिटर्न हासिल हुआ. इस वेंचर कैपिटल फर्म ने पहले इंस्टाग्राम में निवेश किया था, जिसे पहले ही फेसबुक ने खरीद लिया था. यह दोनों कंपनियों के लिए फायदे का सौदा था. लेकिन मार्क जुकरबर्ग की पत्नी प्रिसिला चान को चॉकलेट में लिपटे स्ट्रॉबेरी का बलिदान करना पड़ा. इस सौदे को सील करने के लिए वाट्सऐप के मालिकों ने जकरबर्ग के वेलेंटाइन डे डिनर को रद्द करा दिया था.

समझौते की घोषणा के तुरंत बाद फरवरी के अंत में कोम ने इकोनॉमिक टाइम्स से कहा कि भारत वाट्सऐप के लिए प्राथमिकता वाला बाजार है. 'भारत महत्वपूर्ण है ... हम चाहते हैं कि भारत के सभी स्मार्टफोन उपभोक्ता वाट्सऐप पर हों. अगर उनकी संख्या एक अरब है तो हमारे यहां भी उनकी संख्या एक अरब हो. वर्तमान में यह 40 मिलियन से कुछ ज्यादा है. इसलिए हमारे पास अभी भी एक अरब तक पहुंचने का मौका है.'

यूएस फेडरल ट्रेड कमिशन की मंजूरी 

अमेरिका में गोपनीयता समर्थक इस सौदे को तब तक रोकना चाहते थे जब तक कि फेसबुक यह स्पष्ट नहीं कर देता कि वह वाट्सऐप डेटा का इस्तेमाल कैसे करेगा. फेसबुक ने कहा कि वाट्सऐप एक अलग कंपनी के तौर पर काम करना जारी रखेगी और यूजर्स को आश्वस्त किया कि गोपनीयता नीति में बदलाव नहीं किया जाएगा. फेसबुक बाद में इस वादे से मुकर गया,  जिससे दुनिया भर के अदालतों में गोपनीयता से जुड़े मामलों भरमार हो गई.

अप्रैल 2014 तक वाट्सऐप यूजर्स की संख्या आधा अरब हो गई. इनमें 48 मिलियन अकेले भारत में थे. भारत पूरी दुनिया के यूजर्स बेस के 10 प्रतिशत का प्रतिनिधित्व करता था. अधिग्रहण के बाद यह आशंका पैदा हुई कि फेसबुक वाट्सऐप में विज्ञापन की शुरुआत करेगा. लेकिन सौभाग्य से अभी तक ऐसा नहीं हुआ है.

ट्राई ने जांच शुरू की कि इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के राजस्व को कैसे नुकसान पहुंचा रही है. दूरसंचार ऑपरेटरों ने वाट्सऐप जैसे ओवर द टॉप (ओटीटी) सर्विस प्रोवाइडर्स के साथ बरबरी की मांग करना शुरू कर दी. टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स का कहना था कि उनके लिए बाध्यकारी नियम-कानून हैं, लेकिन उनके जैसी ही सर्विस मुहैया कराने वाले इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस प्रोवाइडर्स पर समान नियम-कानून लागू नहीं होते. ओटीटी सेवाओं को टेलीकॉम सर्विस प्रोवाइडर्स के बुनियादी ढांचे पर बोझ के रूप में भी देखा गया.

अक्टूबर 2014 में फेसबुक ने 22 अरब डॉलर की कीमत के साथ वाट्सऐप के साथ सौदे को अंतिम रूप दे दिया.

भारत में सरकारी कामकाज में वाट्सऐप का इस्तेमाल शुरू हुआ. यातायात नियमों के उल्लंघन के मामले रिपोर्ट करने के लिए दिल्ली ट्रैफिक पुलिस ने वाट्सऐप पर एक हेल्पलाइन लॉन्च की है.

स्पेशल पुलिस कमिश्नर (ट्रैफिक) मुक्तेश चंद्र ने कहा, 'दिल्ली ट्रैफिक पुलिस व्हाट्सएप पर दिल्लीवासियों से जुड़ने पर खुश है. यदि आप यातायात उल्लंघन, अनधिकृत पार्किंग, खराब ट्रैफिक सिग्नल, ऑटो और टैक्सी द्वारा अधिक चार्ज करने, इनकार अथवा दुर्व्यवहार की शिकायत करना चाहते हैं या ट्रैफिक से जुड़ी किसी अन्य समस्या की शिकायत करना चाहते हैं तो आप अपने नाम, पता, स्थान, तारीख, समय आदि विवरण के साथ फोटो या छोटी वीडियो क्लिप मोबाइल नंबर पर 8750871493 वाट्सऐप के माध्यम से भेज सकते हैं.'

दिल्ली पुलिस ने बाद में हिम्मत ऐप की महिला सुरक्षा सुविधा को वाट्सऐप पर भी शुरू किया.

नवंबर 2014 तक वाट्सऐप के पास दुनिया भर में 600 मिलियन से ज्यादा मासिक सक्रिय यूजर्स थे, जिनमें से 70 मिलियन अकेले भारत में थे. इस इंस्टेंट मैसेजिंग सेवा के लिए भारत सबसे बड़ा बाजार था.

डबल ब्ल्यू टिक

नवंबर 2014 वह साल था जब व्हाट्सएप ने अपना वह फीचर लांच किया जिसकी सबसे ज्यादा हंसी उड़ाई गई. वाट्सऐप मैसेज के बगल में टिक के दो नीले निशान दिखाई पड़ते थे जिससे इस बात की पुष्टि होती थी कि प्राप्तकर्ता ने मैसेज को पढ़ लिया है. ग्रुप चैट में नीले निशान तब दिखाई देते थे जब समूह में सभी लोग इसे पढ़ लें.

जाहिर तौर पर अपडेट की तकनीकी क्षमता लॉन्च से पहले ऐप्लिकेशन स्टोर्स में निहित थी, क्योंकि यह फीचर खुद-ब-खुद सक्रिय हो गया और यूजर को ऐप के नए वर्जन को डाउनलोड करने की आवश्यकता नहीं पड़ी. दो नीले निशान की सुविधा शुरू होने के तुरंत बाद सऊदी अरब के एक आदमी ने अपनी पत्नी को तलाक दे दिया क्योंकि वह उसके मैसेज पढ़ रही थी लेकिन जवाब नहीं दे रही थी. आगे चलकर वाट्सऐप ने पहले एंड्रॉयड और फिर आईओएस डिवाइस पर दो निशान निष्क्रिय करने का तरीका मुहैया कराया.

साल 2014 के आखिर में शायद अब तक के सबसे महत्वपूर्ण अपडेट ‘एंड टु एंड एंक्रिप्शन’ की शुरुआत हुई. एन्क्रिप्शन सेवा मुहैया कराने के लिए ओपन व्हिस्पर सिस्टम्स के टेक्स्टसेक्योर प्रोटोकॉल का इस्तेमाल किया गया. माना जाता है कि संचार उद्देश्यों के लिए यह ‘एंड टु एंड एन्क्रिप्शन’ का सबसे बड़ा इस्तेमाल था. एन्क्रिप्शन केवल संबंधित व्यक्तियों के बीच ही टेक्स्ट को उपलब्ध कराता है.

जनवरी 2015 में फेसबुक ने बताया कि वाट्सऐप दुनिया भर में 700 मिलियन मासिक सक्रिय यूजर्स के स्तर पर पहुंच गया है. किसी भी दिन वाट्सऐप पर तीस अरब से ज्यादा संदेश साझा किए जाते हैं. वाट्सऐप के लिए एक वेब क्लाइंट लांच किया गया, जिससे इंस्टेंट मैसेजिंग सर्विस की डेस्कटॉप तक पहुंच हो गई. हालांकि यह सुविधा आईओएस यूजर्स के लिए उपलब्ध नहीं थी.

जारी रहेगी...