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वियाग्रा: छोटी सी गोली जिसने तालिबान को हराने में मदद की

वियाग्रा को अप्रूवल मिले 20 साल पूरे हो गए हैं

FP Staff

वियाग्रा शायद ऐसी दवा है जिसका नाम दुनिया भर के पुरुषों को याद हो. 27 मार्च 1998 ही वो तारीख है जब वियाग्रा को अप्रूवल मिला था. इसका मतलब है कि वियाग्रा 20 साल की हो गई है. फाइज़र कंपनी की इस दवा को टेंशन दूर करने के लिए बनाया गया था. लेकिन इसके अफेक्ट से लोगों की कुछ दूसरी तरह की टेशन में आराम मिलने लगा. खैर आप भी वियाग्रा के बारे में जानते ही होंगे. हम बताते हैं हल्की बैंगनी रंग की इस गोली से जुड़ी कुछ अनसुनी बातें.

इसने तालिबान को खत्म करने में मदद की


वियाग्रा ने युद्ध में अमेरिका की मदद की है. तालिबान के खिलाफ जासूसी और मुखबिरी करवाने के लिए सीआईए ने कई अफगानों को वियाग्रा की रिश्वत दी. इन अफगान कबीलों के मुखियाओं की कई बीवियां होती हैं. सीआईए का मानना है कि वो फ्री की वियाग्रा पाकर खुश हो जाते थे.

दुनिया की सबसे ज्यादा नकली बनने वाली गोली

वियाग्रा आधिकारिक तौर पर दुनिया की सबसे ज्यादा नकल की जाने वाली गोली है. असली दवा में एक पत्ते में 4 ही गोलियां होती हैं. न कम न ज्यादा. इसी तरह इसका आकार भी हीरे की तरह होता है.

ये फूलों को ताजा रखती है

वियाग्रा की एक खासियत है कि इसकी थोड़ी सी मात्रा का घोल बनाकर पौधों में या फूलदान में रखे फूलों में दे दिया जाए तो फूल खिले-खिले रहते हैं. उनकी डंडियां तनी रहती हैं.

ये सेव द टाइगर में मदद करती है

वियाग्रा के आने से पहले इरेक्टाइल डिसफंक्शन (अगर इस शब्द की हिंदी न पता हो तो गूगल की मदद लें) का इलाज दो चीजों से होता है. एक गेंडे के सींग, दूसरा शेर की हड्डियां. वियाग्रा आने से इन दोनों की जान बची है.

वियाग्रा आपके दिमाग पर असर नहीं डालती

वियाग्रा सिफ शरीर पर असर करती है. लोगों के दिमाग और हार्मोन्स की कमी पर इसका कोई असर नहीं होता. ये सिर्फ खून का प्रवाह बढ़ाती है. इसलिए अगर कोई मन से निराश है या उदास है तो उसका इलाज वियाग्रा नहीं है. एक बात और फीमेल वियाग्रा जैसी कोई चीज़ नहीं होती.

डायबिटीज़ और कैंसर

वियाग्रा 80 प्रतिशत आदमियों पर असर करती है. डायबिटीज़ से पीड़ित लोगों में इसका असर काफी कम हो जाता है. कुछ शुरुआती रिसर्च बताती हैं कि ये गोली कैंसर के इलाज में भी काम में आ सकती है.