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गूगल लूनर एक्सप्राइज मिशन: चंद्रमा पर पहुंचने के लिए तैयार है भारत की टीम इंडस

इस प्रतियोगिता में हर टीम को एक रोबोटिक रोवर बनाकर चंद्रमा पर भेजना है जिसे 500 मीटर चलकर धरती पर तस्वीरें वापस भेजनी हैं

Bhasha

कम लागत वाले अंतरिक्षयान का विकास कर उससे चंद्रमा तक पहुंचने की अंतरराष्ट्रीय स्पर्धा ‘गूगल लूनर एक्सप्राइज’ (जीएलएक्सपी) में भारत की ओर से बेंगलुरु की टीम इंडस हिस्सा ले रही है. टीम इंडस इसरो के पूर्व वैज्ञानिकों के साथ मिलकर इस मिशन के लिए दिन-रात तैयारी कर रही है और अपना रोवर विकसित कर रही है.

टीम इंडस अपनी तैयारियों के तहत 25 अक्टूबर को एक एंथम भी लॉन्च करेगी. एंथम को मशहूर संगीतकार-गीतकार राम संपत ने लिखा है और गायिका सोना महापात्र और संगीत बैंड सनम ने इसे सुर दिया है.


टीम इंडस ने बताया कि इस एंथम के जरिए उनका मकसद हर भारतीय को ‘#हर इंडिया का मून शॉट’ नाम के उनके अभियान में किसी न किसी तरह हिस्सा लेने के लिए प्रोत्साहित करना है. कंपनी का दावा है कि चंद्रमा के लिए यह निजी मिशन ऐतिहासिक होगा.

रोबोटिक यान से कम से कम लागत में अंतरिक्ष खोज के अभियान के मकसद से गूगल और अन्य कंपनियों ने मिलकर 10 साल पहले प्रतिस्पर्धा की घोषणा की थी. इसका उद्देश्य किफायती और कम से कम सरकारी खर्च वाले तरीके इजाद करना है.

अभियान में टीम इंडस समेत 4 टीमें हिस्सा ले रही हैं

इस अभियान में भारत की टीम इंडस के साथ चार अन्य अंतरराष्ट्रीय टीमें हिस्सा ले रही हैं जिसमें इस्राइल की स्पेस आईएल, अमेरिका की मून एक्सप्रेस, जापान की हाकुतो और एक अन्य अंतररराष्ट्रीय टीम सिनर्जी मून शामिल हैं.

इस प्रतिस्पर्धा में हर टीम को एक रोबोटिक रोवर बनाकर चंद्रमा पर भेजना है जिसे 500 मीटर चलकर धरती पर तस्वीरें वापस भेजनी हैं. नियमों के तहत इसमें सरकार के समर्थन वाली नासा या इसरो जैसी अंतरिक्ष एजेंसियों से 10 फीसदी से अधिक सहयोग नहीं लिया जा सकता. विजेताओं को तीन करोड़ डॉलर के इनाम देने का दावा किया गया है.

प्रतिस्पर्धा की समय सीमा हाल ही में दिसंबर 2017 से बढ़ा कर मार्च 2018 कर दी गई है. टीम इंडस इस समय सीमा के भीतर अपने मिशन को भेजने के लिए तैयार है.