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सर्वेः भारत में हर दूसरा आदमी ऑनलाइन फ्रॉड का शिकार

इस वक्त देश में हर व्यक्ति के स्मार्टफोन में औसतन तीन शॉपिंग एप इंस्टॉल हैं. नोटबंदी के बाद लोग तेजी के साथ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने लगे हैं

FP Staff

गुरूवार को पीएम मोदी ने एम-पावर यानी मोबाइल के जरिए सशक्तिकरण की बात की थी. तैयारी के लिहाज से इसके दूसरे पहलू पर भी ध्यान देने की जरूरत है. एक सर्वे के मुताबिक 48% भारतीय ऑनलाइन फ्रॉड के शिकार हो रहे हैं. ये बात सामने आई है एशिया पैसेफिक फ्रॉड इनसाइट रिपोर्ट में. यानी, हर दूसरे भारतीय ऑनलाइन यूजर के साथ धोखाधड़ी हुई है.

रिपोर्ट में भारत समेत एशिया के दस देशों को इस स्टडी में शामिल किया गया. ऑनलाइन फ्रॉड में टेलीकम्युनिकेशन, रिटेल और इंश्योरेंस जैसे कई सेक्टर शामिल हैं. ऑनलाइन धोखाधड़ी के मामले में इंडोनेशिया के बाद भारत दूसरे नंबर पर है.


इस वक्त देश में हर व्यक्ति के स्मार्टफोन में औसतन तीन शॉपिंग एप इंस्टॉल हैं. नोटबंदी के बाद लोग तेजी के साथ ऑनलाइन ट्रांजैक्शन करने लगे हैं. जालसाजों ने इसका फायदा उठाया और लोगों को ठगना शुरू कर दिया.

कार और पर्सनल लोन फर्जीवाड़े के मामले सबसे अधिक

फ्रॉड करनेवालों ने गलत आईडी कार्ड बनाने का धंधा ही शुरू कर दिया है. इसके साध ही उस आईडी के साथ फ्रॉड भी धड़ल्ले से होने लगा है. फर्जी पैन कार्ड, नौकरी के लिए गलत दस्तावेज पेश करना और गलत इनकम सर्टिफिकेट देकर जालसाजी करने जैसे मामले आए दिन सामने आ रहे है. इसके अलावा, आईडी चोरी से जुड़े फ्रॉड भी 75 फीसदी बढ़े हैं.

साल 2017 में लोन से जुड़े ऑनलाइन फ्रॉड के मामलों में तेजी से बढ़ोतरी हुई है. जिनमें कार और पर्सनल लोन के सबसे अधिक मामले सामने आए हैं. फाइनेंशियल ईयर 2017 में 0.37 फीसदी ऑटो लोन एप्लीकेशंस में बड़ा फर्जीवाड़ा किया गया. जबकि 2016 में ये आंकड़ा 0.23 फीसदी था.

झारखंड का जामताड़ा ऑनलाइन जालसाजों का है गढ़ 

सर्वे में ये बात भी सामने आई है कि एशिया के इन देशों की सरकारें इससे निपटने को एक्शन प्लान तैयार कर रही है. फिलीपींस सरकार ने जल्द ऑनलाइन बायोमीट्रिक एनेबल नेशनल आईडी लाने की योजना बनाई है. वहीं, सिंगापुर सरकार इसके निपटारे के लिए डिजिटल आईडी का ट्रायल कर रही है.

भारत में इस समस्या के निजात पाने के लिए आधार कार्ड सही माना जा सकता है, लेकिन नेशनल आईडी के रूप में अभी आधार पूरी तरह से अपनी जगह नहीं बना पाया है.

वैसे तो ऑनलाइन फ्रॉड करनेवाले जालसाज देशभर में सक्रिय हैं लेकिन इस मामले में झारखंड का जामताड़ा जिला सबसे आगे हैं. इस जिले में कई ऐसे गांव हैं जहां युवा दिनभर केवल इसी काम में लगे रहते हैं. वे सबसे अधिक रिटायर्ड कर्मियों, सेना के जवानों को अपना निशाना बनाते हैं.