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सोनम गुप्ता नहीं अपनी बेवफाई के मजे ले रहे हम

हम सोनम गुप्ता की बेवफाई का मजाक उड़ाते हैं कि तमाम बेवफाइयां भुला सकें...

Pawas Kumar

पहले दुनिया की सभी सोनम गुप्ताओं को 'सो सॉरी'. आपकी वफादारी पर हमें कोई संदेह नहीं है. लेकिन पूरी दुनिया कह रही है कि सोनम गुप्ता बेवफा है. यह कई दिनों से सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है. गूगल के टॉप ट्रेंड्स में है. नोटबंदी के दौर में जितनी चर्चा मोदीजी की कड़ाई की नहीं हुई, उससे भी अधिक इस बेवफाई की हो गई है.

इस साल के शुरुआत में एक 10 रुपये का नोट इंटरनेट पर नजर आया था जिसपर 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिखा गया था.


देखकर लगा कि प्यार में मात खाए किसी आशिक ने ये हरकत की है. इसे पहली प्रसिद्धि मिली, जब रघुराम राजन ने आरबीआई गवर्नर का पद छोड़ने का फैसला किया. किसी सोशल वायरलबाज ने नोट के साथ लिख डाला कि दरअसल राजन इसी वजह से पद छोड़ कर जा रहे हैं. शेयरिंग की बंदरबांट के जमाने में लोगों ने इसे हाथोंहाथ लिया और 'सोनम गुप्ता बेवफा' हो गई.

नोट की सवारी पर आई बेवफाई

कुछ दिनों में सोनम गुप्ता को भुला दिया गया. लगा कि इंटरनेट के वायरल मजाकों की तरह इसकी भी उम्र ढल गई. जब प्रधानमंत्री ने 500 और 1000 रुपये के नोट को बंद करने का फैसला किया तो सोनम गुप्ता का नाम फिर से सोशल मीडिया पर छा गया. सोशल मीडिया पर आई एक तस्वीर में अब नए-नवेले 2 हजार के नोट पर भी यह शब्द 'सोनम गुप्ता बेवफा है' दिखाई दिया.

लेकिन इस बार लोग यहीं नहीं रुके. एक दोस्त के शब्दों में कहूं तो 'लाइन में खड़े देश ने मजाक की रेड़ लगा डाली.'

लोगों ने 10 के सिक्के से लेकर मंगल ग्रह की तस्वीरों में 'सोनम गुप्ता बेवफा है' लिख डाला. फोटोशॉप्ड तस्वीरों में डोनाल्ड ट्रंप से लेकर मार्क जकरबर्ग तक पूछने लगे कि सोनम गुप्ता कौन है. लेकिन जवाब बस इतना मिला कि सोनम गुप्ता बेवफा है.

कुछ लोगों को यह रुसवाई बर्दाश्त न हुई तो सोनम गुप्ता की पीड़ा भी सामने आ गई. फिर से वही नोटों के रास्ते. कहीं सोनम गुप्ता अपनी वफादारी के सबूत दे रही थी तो कहीं वह सीधे-सीधे चुनौती दे रही थी कि मैं तो ऐसी ही हूं जो करना है कर लो. कुछ लोगों के पास सोनम गुप्ता के फ्रेंड रिक्वेस्ट आने लगे. कुछ सोनम गुप्ताओं ने लिख भी दिया कि वह 'बेवफा वाली सोनम गुप्ता' नहीं है.

कुछ लोगों ने इसे महिलाओं के अपमान से भी जोड़ा है. लोगों ने कहा कि किसी की बहन-बेटी के नाम पर ऐसा मजाक करना गलत है.

लेकिन हमें फर्क क्यों पड़ता है?

खैर ये तो 'सोनम गुप्ता' की कहानी हुई. अब बात आती है मोरल ऑफ द स्टोरी की. आखिर ऐसा क्या था कि यह बेहद टुच्चा सा मजाक इतना पॉपुलर हो गया. दरअसल सारा खेल हमारे अंदर है. हम क्रियाशीलता की छटपटाहट और असंतुष्टि के दौर में रह रहे हैं. इंटरनेट ने हमें यह खुजली मिटाने के तरीके दे दिए हैं. ऐसे में हमें किसी ट्रेंड में पीछे नहीं छूटते.

'सोनम गुप्ता' की अपील इस बात में भी है कि यह दिल का मामला है. आखिर बेवफाई किसके साथ नहीं हुई. किसी को प्यार में बेवफाई मिली है, किसी को दोस्ती में. विरोधियों को भक्तों से बेवफाई की शिकायत है, तो भक्त कहते हैं विरोधी देश से बेवफाई करते हैं.

कालेधन वालों के लिए करेंसी बैन वाली बेवफाई हुई तो सफेद धन वालों के लंबी-लंबी लाइन वाली बेवफाई. सो हम सोनम गुप्ता की बेवफाई का मजाक उड़ाते हैं ताकि ये बेवफाइयां भुलाई जा सकें.

लेकिन याद रखिएगा इंटरनेट सबसे बड़ा बेवफा है. आज सोनम गुप्ता हैं तो कल आप भी हो सकते हैं. बाकी सब ठीक ही है. दुनिया की सभी सोनम गुप्ताओं को 'सो सॉरी' तो है ही.