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अमेरिकी यूनिवर्सिटी और टीसीएस के बीच अत्याधुनिक अनुसंधान पर गठजोड़

यह अत्याधुनिक अनुसंधान के जरिये चौथी औद्योगिक क्रांति का रास्ता तैयार करेगा.

Bhasha

एक प्रतिष्ठित अमेरिकी विश्वविद्यालय और टाटा कंसल्टेंसी सर्विसेज ने एक अत्याधुनिक सुविधा की स्थापना के लिए गठजोड़ किया है.


इसके बारे में कंपनी के प्रवर्तकों का कहना है कि यह अत्याधुनिक अनुसंधान के जरिये चौथी औद्योगिक क्रांति का रास्ता तैयार करेगा.

पिट्सबर्ग को इस्पात की राजधानी भी कहा जा जाता है. करीब एक सदी पहले जमशेदजी टाटा इस शहर में टेक्नोलॉजी को समझने के मकसद से आए थे.

बाद में इसका इस्तेमाल उन्होंने भारत की खुद की औद्योगिक क्रांति को शुरू करने के लिए किया.

विश्वविद्यालय परिसर में नए टीसीएस हॉल के भूमि पूजन समारोह में भारत के शीर्ष उद्योगपति रतन टाटा, कार्नेगी मेलन विश्वविद्यालय (सीएमयू) के अध्यक्ष सुब्रा सुरेश और टाटा संस के चेयरमैन एन. चंद्रशेखरन मौजूद थे.

इसके लिए टीसीएस ने 3.5 करोड़ डॉलर का अनुदान दिया है. यह सीएमयू को किसी उद्योग द्वारा दिया गया सबसे बड़ा अनुदान है. यह इमारत अगले साल पूरी हो जाएगी और अगली पीढ़ी की टेक्नोलॉजी को प्रोत्साहन देने के लिए सीएमयू और टीसीएस के हब के रूप में काम करेगी.