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जीपीएस लगाने पर भी चोरी हो सकती है आपकी कार!

जीपीएस को निष्क्रिय बनाने के लिए दिल्ली के बाजारों में जीपीआरएस जैमिंग सिस्टम आ गया है, कानून के हिसाब से तो जैमिंग सिस्टम बेचना और खरीदना दोनों ही गैरकानूनी है

FP Staff

जीपीएस लगाकर अगर आप ये सोच रहे हैं कि अब आपकी कार चोरी नहीं होगी, तो गलतफहमी में हैं. कार चोरों ने इसका भी तोड़ निकाल लिया है. राजधानी दिल्ली के बाजारों में जीपीएस को निष्क्रिय करने के लिए जीपीआरएस जैमिंग सिस्टम बिक रहा है.

कानून के हिसाब से तो जैमिंग सिस्टम बेचना और खरीदना दोनों ही गैरकानूनी है. लेकिन लेकिन दिल्ली के नेहरू प्लेस, गफ्फार मार्केट और शादीपुर में ये खुलेआम बिक रहा है.


सूत्रों की मानें तो शादीपुर को इसका गढ़ बताया जा रहा है. यहां बेखौफ होकर किसी को भी जैमिंग सिस्टम बेचा जा रहा है. इन दुकानदारों को पुलिस का भी खौफ नहीं है.

दूरी के हिसाब से तय होता है रेट 

जानकारों का कहना है कि सिस्टम की क्वालिटी के मानक और रेट उसकी दूरी के हिसाब से तय होते हैं. मतलब ये कि अगर जैमिंग सिस्टम 10 मीटर की दूरी तक काम करता है तो उसके रेट 5 हजार रुपए हैं.

अगर सिस्टम 25 मीटर की दूरी तक काम कर रहा है तो उसके रेट 40 हजार रुपये हैं. ये सिस्टम वजन में बहुत हल्के और छोटे हैं. आसानी से इन्हें एक जगह से दूसरी जगह तक ले जाया जा सकता है.

शादीपुर में दुकानदार इसे बिना कोई पहचान पत्र देखे बेच रहे हैं. एक ऐसे ही व्यापारी से पूछा गया कि क्या आपको इसके कानूनी या गैरकानूनी होने की जानकारी है, तो बोला कि हमे अच्छी तरह से पता है कि इससे बेचने पर सजा भी हो सकती है.

बिना सरकार के पूछे कोई नहीं कर सकता इसका इस्तेमाल 

साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल का कहना है कि जीपीएस ही नहीं मोबाइल फोन और दूसरी डिवाइस को भी जाम करना एक कानूनी अपराध है. इसके लिए सजा का प्रावधान भी है.

जाम करने वाली डिवाइस को बेचना ही नहीं खरीदना भी जुर्म है. क्योंकि इस तरह की डिवाइस को इस्तेमाल करने का हक सिर्फ सरकार के पास है. किसी विषम परिस्थिति में ऐसा करने के लिए सरकार से अनुमति लेनी होती है.

(साभारः न्यूज 18)