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नया मैकबुक प्रो दिखाता है कि ऐपल राह भटक गया है

ऐपल ने हमेशा अपनी सबसे अहम फिलॉसफी पर चलने की कोशिश की है- सरलता

Pawas Kumar

अनिरुद्ध रेगिडी

ऐपल हमेशा विवादों में रही है. कुछ इसे क्रांतिकारी कंपनी मानते हैं, कुछ इसे नकलची कहते हैं, तो कुछ इसे बस नीची निगाह से देखते हैं. आपकी सोच इसमें से जो भी हो, लेकिन एक चीज तो माननी पड़ेगी कि ऐपल ने हमेशा अपनी सबसे अहम फिलॉसफी पर चलने की कोशिश की है. और वो है सरलता.


सरलता एक शानदार और ताकतवर सोच है और तभी काम करती है, जब चीजें सच में सरल होती हैं. सरलता के पीछे की जटिलता मायने नहीं रखतीं अगर परिणाम सरल हो.

जैसे ही आप किसी तस्वीर पर क्लिक कर उसे बड़ा करते हैं, तो इसके पीछे अलोगरिदम और फिजिक्स का एक बड़ा जटिल खेल होता है. लेकिन आपको इससे कोई फर्क पड़ता है क्या? आपकी रुचि ये जानने में होती है कि टैप करते ही कैपेसिटेंस, वोल्टेज और क्वांटम फिजिक्स का क्या खेल होता है? बिल्कुल नहीं. आप तो बस ये चाहते हैं कि जब आप तस्वीर पर टैप करें तो वो बड़ी हो जाए.

ऐपल के हार्डवेयर इसी कॉन्सैप्ट पर चलते हैं. जब स्टीव जॉब्स मैकिन्तोश लेकर आए तो उन्होंने इसी की बात की थी. आप बक्से से एक डिवाइस निकालते हैं, उसे प्लग करते हैं और ये काम करने लगता है. आप तारों, ग्राफिक कार्ड, अलग मॉनिटरों और पावर सप्लाई के चक्कर में नहीं उलझते.

मैकबुक एयर और मैकबुक प्रो में यही फिलॉसफी काम करती थी. ये सरल डिवाइस थे, जिन्हें इस्तेमाल करना आसान था. आपको अपने बस्ते में अडेप्टर्स नहीं ढूंढने पड़ते थे.

मैकबुक एयर जैसे सीमित लैपटॉप में भी 4 पोर्ट थे- एक 3.5 ऑडियो जैक, एक यूएसबी 2.0 पोर्ट, वीडियो के लिए मिनी-डीवीआई पोर्ट और एक मेगलेफ पावर अडेप्टर. ऐसा इसलिए था क्योंकि ये यूजर के लिए चीजें आसान बनाती थीं.

अब 12 ईंच के मैकबुक और नए मैकबुक प्रो को देखें. इन डिवाइस के जरिए आपने काम की कई चीजें गंवा दी हैं, और बदले में यूएसबी टाइप-सी पोर्ट पाया है. इसे तो ऐपल भी हर जगह इस्तेमाल नहीं करती. इनमें एसडी कार्ड स्लॉट भी नहीं है, जबकि माना जाता है कि ये फोटोग्राफर्स के पसंदीदा लैपटॉप हैं.

ऐपल के मौजूदा प्रॉडक्ट्स को देखिए- आईफोन 7 में लाइटनिंट टू यूएसबी-ए कनेक्टर है. इसके इयरपॉड लाइटनिंग कनेक्टर यूज करते हैं. थंडरबोल्ट ड्राइव के साथ कई एक्सेसरीज, हार्ड डिस्क और अडेप्टर हैं, जो यूएसबी-ए कनेक्टर इस्तेमाल करते हैं. ऐपल का थंडरबोल्ट डिस्प्ले भी थंडरबोल्ट कनेक्टर इस्तेमाल करता है.

नए मैकबुक और नए मैकबुक प्रो में यूएसबी-सी स्लॉट और एक 3.5मिमी स्लॉट है. आप बिना अडेप्टर के इनसे आईफोन, इयरपॉड्स, मैकबुक, थंडरबोल्ट डिस्प्ले या पोर्टेबल ड्राइव नहीं जोड़ सकते.

मेरे बैग में एक लैपटॉप, एक फोन, एक पावर बैंक, एक कैमरा, एक पोर्टेबल एचडीडी और एक थंब ड्राइव है. अगर मेरा लैपटॉप नया मैकबुक प्रो है, तो बिना अडेप्टर इनमें से कोई भी चीज इनसे नहीं जुड़ सकती. मुझे मैकबुक इसलिए पसंद था क्योंकि वो सरल था. अब ऐसा नहीं है.

कुछ साल पहले भले ही दुनिया यूएसबी-सी पर चलती थी लेकिन वो समय बीत चुका है. फिर आखिर क्यों ऐपल हम पर यूएसबी-सी थोप रही है?

साहस? मैं इसे हेकड़ी मानता हूं.

ऐपल की दुनिया की खासियत इसकी उपयोगिता है. अगर यह फेल हो गई तो क्या होगा ?

2016 का मैकबुक प्रो एक शानदार लेकिन कंफ्यूज्ड प्रॉडक्ट है, जिसे नहीं पता कि आखिर वो किसे लक्ष्य बना रहा है. अगर ऐपल ने इसमें एक यूएसबी-ए पोर्ट और एसडी कार्ड रीडर जोड़ दिया होता तो सभी खुश होते. वैसे क्या आईफोन में 3.5मिमी जैक खत्म करना जरूरी था ?

मैकबुक प्रो के बारे में पूछे जाने पर जोनी आइव ने सीनेट से कहा, 'हम ऐसा कुछ नहीं करना चाहते जो सिर्फ अलग हो लेकिन बेहतर नहीं हो.'

खैर, नया मैकबुक प्रो अलग है, लेकिन बेहतर नहीं है. दरअसल यह और बुरा ही है.