- शनि ग्रह के विशाल चंद्रमा टाइटन पर जानकारी जुटाने के मिशन पर निकले नासा के अंतरिक्षयान कैसीनी ने 26 अप्रैल को अपने आखिरी डाइव पर निकल गया है.
- कैसीनी का नाम 17वीं शताब्दी के खगोलविद् जियोवानी कैसीनी के नाम पर रखा गया था.
- कैसीनी को 1997 में अक्टूबर में केप केनेवरल से लॉन्च किया गया था. कैसीनी को शनि के कक्ष तक पहुंचने में 7 साल लगे. इस तरह देखा जाए तो कैसीनी स्पेस में लगभग 13 सालों से है.
- कैसीनी की वजह से हमें शनि और उसके चंद्रमाओं के बारे में गहरी जानकारी हासिल हुई है. इस यान ने हमें जानकारी दी कि शनि के चंद्रमा पर पृथ्वी के भौगोलिक गुणों से मिलती-जुलती स्थिति है. इसके सतह पर लिक्विड नेचुरल गैसों की झीलें हैं, जो पृथ्वी पर मौजूद तेल या गैसों की मात्रा से कहीं ज्यादा है.
- कैसीनी को शनि के चंद्रमा एन्सैलेडस की धरती के सतह के नीचे स्थित समुद्र होने के भी सबूत मिले हैं.
- कैसीनी की वजह से हमें इसकी जानकारी भी मिली है कि किस तरह शनि के छल्लों से ही नए चंद्रमाओं का निर्माण होता है. इसने धरती पर शनि के गैस के छल्लों और उसकी सतह के खूबसूरत इमेज भी भेजी हैं.
- हाल ही में नासा ने घोषणा ने की थी कि कैसीनी ने शनि के चंद्रमा एन्सैलेडस के सतह के नीचे स्थित समुद्र में जीवन होने की संभावनाओं के जबरदस्त सबूत ढूंढे हैं.
- इस द 'ग्रैंड फिनाले' डाइव में कैसीनी पहली बार शनि के उस ऑर्बिट में जा रहा है, जहां आज तक कोई यान नहीं पहुंचा है. इस डाइव में कैसीनी शनि और उसके छल्लों के बीच में होगा.
- शनि और उसके छल्लों के द्रव्यमान का पता नासा को पहले से हैं लेकिन कैसीनी की इस छलांग से शनि के छल्लों का द्रव्यमान पता लग सकेगा. इस जानकारी से वैज्ञानिक ये पता लगा पाने में समर्थ होंगे कि आखिर सूर्य के चारों ओर के मैटेरियल से ग्रहों का निर्माण कैसे हुआ.
- सितंबर में कैसीनी की यात्रा खत्म हो जाएगी और वो स्पेस में हमेशा के लिए खो जाएगा.